Sushil Kumar Biography in Hindi
सुशील कुमार का जीवन परिचय
” सुशील कुमार की जीवनी ” |
|
---|---|
सुशील कुमार का पूरा नाम | सुशील कुमार सोलंकी |
सुशील कुमार का उपनाम | सुशील |
सुशील कुमार का व्यवसाय | फ्रीस्टाइल पहलवान |
शारीरिक संरचना, आदि ( लगभग ) |
|
सुशील कुमार की लम्बाई | 166 सेंटीमीटर 1.66 मीटर 5’ 5” फुट इंच |
सुशील कुमार का वजन | 66 कि० ग्रा० |
सुशील कुमार की शारीरिक संरचना | छाती: 44 इंच कमर: 34 इंच बाइसेप्स: 16 इंच |
सुशील कुमार की आँखों का रंग | काला रंग |
सुशील कुमार के बालों का रंग | काला रंग |
सुशील कुमार के मुख्य मेडल्स | • वर्ष 2003 में, स्वर्ण (60 kg )
मैडल लंदन के राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में • वर्ष 2003 में, कांस्य (60 ) kg मैडल नई दिल्ली के एशियाई चैंपियनशिप में • वर्ष 2005 में, स्वर्ण मैडल केप टाउन के राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में • वर्ष 2007 में, स्वर्ण (66 kg ) मैडल लंदन के राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में • वर्ष 2007 में, रजत (66 kg ) मैडल किर्ग़िज़स्तान के एशियाई चैंपियनशिप में • वर्ष 2008 में, कांस्य (66 kg ) मैडल बीजिंग के ओलम्पिक्स में • वर्ष 2008 में, कांस्य (66 kg ) मैडल जेजू द्वीप के एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में • वर्ष 2009 में, स्वर्ण (66 kg ) मैडल जालंधर के राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में • वर्ष 2010 में, स्वर्ण (66 kg ) मैडल नई दिल्ली के एशियाई चैंपियनशिप में • वर्ष 2010 में, स्वर्ण (66 kg ) मैडल मास्को के विश्व चैंपियनशिप में • वर्ष 2010 में, स्वर्ण (66 kg ) मैडल दिल्ली के राष्ट्रमंडल खेलों में |
व्यक्तिगत जीवन |
|
सुशील कुमार की जन्मतिथि | 26 मई 1983 |
सुशील कुमार की आयु (2017 के अनुसार) | 39 वर्ष ( 2022 में ) |
सुशील कुमार का जन्मस्थान | बपरोला, दिल्ली, भारत |
सुशील कुमारकी राशि | मिथुन |
सुशील कुमारकी राष्ट्रीयता | भारतीय |
सुशील कुमारका गृहनगर | बपरोला, दिल्ली, भारत |
सुशील कुमार का स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
सुशील कुमार का महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | ज्ञात नहीं |
सुशील कुमार की शैक्षिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
सुशील कुमार की शुरुवात | विश्व कैडेट खेल (1998) |
सुशील कुमार का परिवार | पिता – दीवान सिंह माता– कमला देवी बहन– कोई नहीं भाई– कोई नहीं |
सुशील कुमार का कोच/संरक्षक | महाबली सतपाल |
सुशील कुमार का धर्म | हिंदू धर्म |
सुशील कुमार का शौक | कसरत करना, पहलवानी करना |
पसंदीदा चीज़े |
|
सुशील कुमार के पसंदीदा व्यंजन | पराठे – खासतौर से आलू के पराठे |
सुशील कुमार के पसंदीदा अभिनेता | सलमान खान, अमिताभ बच्चन, आदि |
प्रेम संबन्ध एवं परिवार |
|
सुशील कुमार की वैवाहिक स्थिति | विवाहित है |
सुशील कुमार की गर्लफ्रेंड व अन्य मामले | ज्ञात नहीं |
सुशील कुमार की पत्नी | सावी कुमार |
सुशील कुमार के बच्चे | बेटो के नाम – सुवर्ण कुमार और सुवीर कुमार
बेटी – ज्ञात नहीं |
सुशील कुमार की विवाह तिथि | 18 फरवरी 2011 में विवाह |
धन – संपत्ति विवरण / धन दौलत |
|
सुशील कुमार की सम्पति | ज्ञात नहीं |
सुशील कुमार से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
- क्या सुशील कुमार धूम्रपान करते हैं ? नहीं
- क्या सुशील कुमार शराब का सेवन करते हैं ? ज्ञात नहीं
- 1998 में उन्होंने विश्व कैडेट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था |
- सुशील कुमार ने 14 वर्ष की उम्र में कुश्ती सीखना शुरू कर दिया था |
- वह भारत के एकमात्र एसे खिलाड़ी में से एक है, जिन्होंने ओलंपिक में 2 पदक जीते हैं।
- उन्हें लगता था, की यह युवाओं के लिए गलत संदेश होगा | इसलिए उन्होंने एक बार शराब ब्रांड का समर्थन करने से इनकार कर दिया था|
- उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया वर्ष 2005 में, और उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया वर्ष 2008 में,
- उनके चचेरे भाई संदीप सिंह ने और उनके पिता दीवान सिंह उन्हें कुश्ती में शामिल होने के लिए प्रेरणा दी।
- वह PETA द्वारा शाकाहारी अभियान चलाते है। और वह एक शाकाहारी व्यक्ति है|
- वह लियोनेल मेस्सी के एक बहुत बड़े प्रशंसक हैं और वह फुटबॉल खेलना पसंद करते है|
- उन्हें 19 साथी प्रशिक्षु पहलवानों के साथ एक कमरे में रहना पड़ा। दिल्ली में छत्रसाल स्टेडियम में प्रशिक्षण के दौरान|
- वह स्मार्टफोन का इस्तेमाल बहुत कम करते है। वह आप[ने फ़ोन में बस थोड़ी बहुत बात और समय व तारिख देख लेते है|
- उन्होंने अपने नाम से एक चैरिटी फाउंडेशन खोला है, जिसका नाम “सुशील 4 स्पोर्ट्स” हैं।
- यह चैरिटी फाउंडेशन सभी क्षेत्रों के खेल में खिलाड़ी की महत्वाकांक्षा के लिए मदद करती है।
- राष्ट्रमंडल खेलों में उन्हे सर्वाधिक लोकप्रिय खिलाड़ी के रूप वोट दिया गया था। वर्ष 2010 में
- वह भारतीय रेलवे में सहायक वाणिज्यिक प्रबंधक के रूप में भी कार्य करते है। और साथ में कुश्ती भी
- वह प्रसिद्ध रियलिटी टीवी शो “एमटीवी रोडीज” में निर्णायक टीम के सदस्य थे। वर्ष 2015 में
Sushil Kumar Biography in Hindi
सुशील कुमार का जीवन परिचय
दोस्तों यूँ तो हमारे देश भारत में बहुत सारे स्पोर्ट्स खेले जाते हैं बट आज हम बात करेंगे स्पोर्ट्स में कुश्ती की कुश्ती का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम सुशील कुमार का आता है वह आज भारत के एक कामयाब पहलवानों में से एक हैं जिन्होंने कुश्ती को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और भारत का नाम पूरे विश्व में ऊंचा किया सुशील कुमार एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार दो बार ओलंपिक मेडल जीते हैं और आज भारत के एक रोल मॉडल बन गए हैं उनकी ऐसे खेल प्रदर्शन से लोग काफी प्रभावित भी हुए हैं|
मुश्किलों का सामना
तो आज स्टोरी में हम बात करेंगे कैसे एक छोटे से गांव का लड़का बिना किसी साधन की मुश्किलों का सामना करके सारे आयामों को पार करके आज यहां तक पहुंचा है साथ ही यह भी जानेंगे कि उनकी फिटनेस का राज क्या है और वह किस तरह की डाइट लेते हैं फिट रहने के लिए उन्होंने क्यों एक बार टीवी कमर्शियल ऐड के लिए 50 लाख के ऑफर को भी ठुकरा दिया था और साथ ही ऐसा कौन सा गेम है जिन्हें भक्ति के अलावा भी पसंद करते हैं ऐसे ही कुछ उनके जीवन के अनछुए पहलू आज हम इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे |
कुश्ती करने की प्रेरणा
इस कहानी की शुरुआत होती है 6 मई 1983 से दिल्ली के एक छोटे से गांव बरौला में सुशील कुमार का जन्म हुआ वह अपने पिता दीवान सिंह जो कि ड्राइवर थे और उनकी माता कमला देवी जो कि एक हाउसवाइफ थी अपने तीन भाइयों के साथ रहते थे जब सुशिल छोटे थे तो अपने पापा और अपने छोटे भाई संदीप को कुश्ती करते हुए देखा करते थे और यहीं से उनके मन में कुश्ती करने की प्रेरणा जागी|
आर्थिक हालत
परिवार की आर्थिक हालत ज्यादा अच्छी नहीं थी और परिवार में वह दो पहलवानों का खर्चा नहीं उठा सकते थे इसी के चलते उनके छोटे भाई संदीप ने खुशी को अलविदा कह दिया और उनके छोटे भाई के इस फैसले से सुशील कुमार की सफलता के रास्ते खोल दिए और फिर आगे चलकर जब 14 साल के हुए तो उनकी खुशी की ट्रेनिंग शुरू करवा दी जो कि दिल्ली के एक छत्रसाल स्टेडियम में हुआ करती थी यहां पर सुशील अपने 19 दोस्तों के साथ एक कमरे में रहा करते थे और यहीं पर उन्होंने कुश्ती के सारे दांव पर सीखे|
परिवार गरीब था
दोस्तों मैं आपको एक बात बता दूं | भले ही उनका परिवार गरीब था पर उनके परिवार ने सुशील के लिए खाने पीने में कभी कमी नहीं रखी और वह घर से खाने का सामान सुशील के लिए भिजवाया करते थे आगे चलकर 1998 में विश्व कैडेट चैंपियनशिप में सुशील कुमार को पहली बार रिंग में उतरने का मौका मिला और सुशील कुमार ने किसी को निराश नहीं किया और गोल्ड मेडल जीता इस जीत के बाद उन्हें अगली खुशी के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ा और इसी दौरान उन्होंने अपनी ट्रेनिंग को और ज्यादा मजबूत किया और अगला मौका मिलने तक उन्होंने खूब प्रैक्टिस की|
एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप
2003 में दिल्ली में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लिया और 60 किलोग्राम की फ्रीस्टाइल श्रेणी में ब्रॉन्ज मेडल जीता और इसी वर्ष उन्होंने लंदन के इंटरनेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और फिर 2005 में कैप्टन में आयोजित कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लिया और 66 किलो व फ्री स्टाइल में गोल्ड मेडल जीता और इसी कैटेगरी में उन्होंने greco-roman में ब्रॉन्ज मेडल जीता और 2006 में एशियाई खेलों में मेडल जीता|
लंदन कॉमनवेल्थ रेसलिंग
2007 में आयोजित लंदन कॉमनवेल्थ रेसलिंग में उन्होंने गोल्ड मेडल पर निशाना साधा पर उन्हें अब तक वह पहचान नहीं मिली थी जिसके वह सबसे ज्यादा हकदार थे और वह हमेशा से ही देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहते थे और इसी के चलते उन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक की ट्रेनिंग शुरू कर दी और यह ट्रेनिंग उनके जाने-माने कोच सतपाल सिंह के अंडर में हुई क्योंकि उनकी ट्रेनिंग लंबे समय से चल रही थी तो|
राजीव गांधी खेल रतन पुरस्कार
उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में 66 किलो फ्रीस्टाइल श्रेणी में क्वालीफाई कर लिया और सुशील कुमार ने इस ओलंपिक में बहुत ही बढ़िया प्रदर्शन दिखाते हुए ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया पहली बार देश को ओलंपिक कुश्ती में मेडल दिलाया और इसी प्रदर्शन के चलते उन्हें 2008 में राजीव गांधी खेल रतन पुरस्कार से नवाजा गया फिर क्या था इसके बाद तो सुशील रातों-रात स्टार बन गए वह देश में खुशी के आइकन पूरा देश उन्हें सुशील कुमार के नाम से जाने लगा |
पाकिस्तान के कमर अब्बास को 107 सेकंड में हरा दिया
18 फरवरी 2011 को उन्होंने अपने कोच सतपाल सिंह की बेटी सवी से शादी कर ली आगे चलते सुशील ने अपने प्रदर्शन को हराया और 2012 में आयोजित लंदन ओलंपिक एक कदम आगे होते हुए उन्होंने सिल्वर मेडल को अपने नाम किया और देश में पहली बार किसी ने लगातार दो ओलंपिक में मेडल लाने का रिकॉर्ड बनाया फिर 2014 में उन्होंने एक रिकॉर्ड अपने नाम किया| जब उन्होंने ग्लासगो में हुए 74 किलोग्राम के फ्रीस्टाइल श्रेणी में पाकिस्तान के कमर अब्बास को 107 सेकंड में हरा दिया फिर क्या था इस कारनामे से सुशील कुमार देश में बहुत मशहूर हो गए उनके पास ढेरों एड्स के ऑफर आने लगे|
” एक बार उनके पास शराब के ब्रांड के लिए एड आई – जो कि उन्हें 50 लाख रूपये देने को तैयार थे परंतु सुशील कुमार ने उसको करने से मना कर दिया क्योंकि वह ऐसा समझते थे कि ऐसे तो देश के युवाओं को गलत संदेश मिलेगा और वे रास्ता भटक जाएंगे “
असिस्टेंट कमर्शियल मैनेजर
उसी साल हुए ऑस्ट्रेलिया कॉमनवेल्थ गेम्स में 74 किलोग्राम की श्रेणी में उन्होंने को गोल्ड मेडल दिलाया और सुशील कुमार आज भारत के नामी गिरामी पहलवान बन गए हैं उन्होंने साबित कर दिया कि सच्ची मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी करो तो वह नामुमकिन नहीं है वे बहुत इमानदार इंसान है और वह पूरी तरह शाकाहारी हैं और मैं अपनी डाइट में दूध की हरी सब्जियां ड्राई फ्रूट जैसी शुद्ध चीजें खाते हैं जिससे कि उनका शरीर हमेशा तंदुरुस्त रहता है कुश्ती के अलावा फुटबॉल गेम को बहुत पसंद करते हैं और सुशील कुमार अब असिस्टेंट कमर्शियल मैनेजर के पद पर भारतीय रेल में काम कर रहे हैं ( OSP )
सुशिल कुमार अवार्ड्स
- सन 2005 में अर्जुन अवार्ड,
- भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान, राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड [जॉइंट] –
- [सन 2008 में बीजिंग ओलंपिक्स में ब्रोंज मैडल जितने के लिए], सन 2011 में पद्म श्री
- रूपये 5 मिलियन का नगद पुरस्कार और रेलवे मंत्रालय के चीफ टिकटिंग इंस्पेक्टर द्वारा अस्सिस्टेंट कमर्शियल मेनेजर के रूप में प्रमोशन
- हरियाणा सरकार द्वारा 5 मिलियन रूपये का नगद पुरस्कार,
- स्टील मंत्रालय द्वारा 5 मिलियन रूपये का नगद पुरस्कार,
- रूपये 5 लाख का नगद पुरस्कार, आर. के. ग्लोबल द्वारा ,
- महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा 1 मिलियन रूपये का नगद पुरस्कार,
- नगद पुरस्कार 1 मिलियन रूपये का MTNL द्वारा [सन 2010 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जितने के लिए],
- रेलवे मंत्रालय द्वारा 1 मिलियन रूपये का नगद पुरस्कार और प्रमोशन,
- स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया [भारत सरकार] के द्वारा 1 मिलियन रूपये का नगद पुरस्कार,
- दिल्ली सरकार की ओर से 1 मिलियन रूपये का नगद पुरस्कार [सन 2012 लंदन ओलंपिक्स में सिल्वर मैडल जितने के लिए],
- दिल्ली सरकार की ओर से 20 मिलियन रूपये का नगद पुरस्कार,
- हरियाणा सरकार की ओर से 15 मिलियन रूपये का नगद पुरस्कार,
- भारतीय रेलवे की ओर से 5 मिलियन रूपये का नगद पुरस्कार,
- सोनीपत में जमीन दी गयी, हरियाणा सरकार द्वारा व्रेस्लिंग अकैडमी के लिए ,
- ONGC की ओर से 1 मिलियन रूपये का नगद पुरस्कार.
NEXT
Jofra Archer Biography in hindi – जोफ्रा आर्चर की जीवनी
सुशील कुमार मैडल रिकॉर्ड
वर्ष | मैडल (वर्ग श्रेणी) | प्रतिस्पर्धा |
2003 में | गोल्ड (60 kg ) | लंदन चैम्पियनशिप कॉमनवेल्थ गेम्स |
2003 में | कांस्य (60 kg ) | नई दिल्ली एशियाई चैंपियनशिप खेल |
2005 में | गोल्ड (66 kg ) | केपटाउन चैम्पियनशिप कॉमनवेल्थ गेम्स |
2007 में | गोल्ड (66 kg ) | लंदन चैम्पियनशिप कॉमनवेल्थ गेम्स |
2007 में | सिल्वर (66 kg ) | किर्गिस्तान एशियन चैंपियनशिप खेल |
2008 में | कांस्य (66 kg ) | बीजिंग ओलंपिक खेल |
2008 में | कांस्य (66 kg ) | जाजू द्वीप एशियाई चैंपियनशिप खेल |
2009 में | गोल्ड (66 kg ) | जलंदर चैम्पियनशिप कॉमनवेल्थ गेम्स |
2010 में | गोल्ड (66 kg ) | नई दिल्ली एशियाई चैंपियनशिप खेल |
2010 में | गोल्ड (66 kg ) | मास्को विश्व चैंपियनशिप खेल |
2010 में | गोल्ड (66 kg ) | दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल |
2018 में | गोल्ड (73 kg ) | गोल्ड कोस्ट चैम्पियनशिप कॉमनवेल्थ गेम्स |