India’s Pace Star Mohammad Shami Biography in Hindi
दोस्तों भारतीय क्रिकेट टीम इस समय दुनिया की सबसे मजबूत टीम है फिर चाहे वह T20 फॉर्मेट हो ओडीआई फॉर्मेट या फिर टेस्ट ही क्यों ना हो टीम ने हर जगह ही अपना दबदबा बनाया हुआ है और दोस्तों इस खेल में जो भारतीय टीम को ताकतवर बनाती है उसकी बल्लेबाजी गेंदबाजी और फील्डिंग और हर क्षेत्र में ही बेहतर होने की वजह से क्रिकेट के खेल में आज भारत की टीम दुनिया की सबसे संतुलित टीम है वैसे आज भले ही भारतीय टीम का दबदबा पूरे विश्व में छाया हुआ है|
लेकिन एक समय ऐसा भी था जब बल्लेबाजी तो काफी अच्छी हुआ करती थी लेकिन तेज गेंदबाजी में अच्छा न कर पाने की वजह से टीम को हार का सामना करना पड़ता था और कुछ समय पहले तक के इतिहास में भारत के अंदर तेज बॉलर में कपिल देव श्री नाथ और जहीर खान जैसे ही कुछ गिने-चुने महान नाम शामिल किए जाते थे लेकिन अब आज का समय अगर देखा जाए तो सब कुछ बिल्कुल बदलता गया है क्योंकि जसप्रीत बुमराह भुवनेश्वर कुमार मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा जैसे गेंदबाजों के आने के बाद से भारत की तेज बॉलिंग अटैक भी किसी से कम नहीं है और दोस्तों इस पोस्ट में हम खास करके बात करने वाले हैं एक किसान के बेटे होने से लेकर भारतीय तेज बॉलिंग को विश्व स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी मोहम्मद शमी के बारे में|
India’s Pace Star Mohammad Shami Biography in Hindi
मोहम्मद शमी – एक बेहतरीन बॉलर
जो की टीम में रहते हुए किसी भी क्षण मैच का रुख पलटने की काबिलियत रखते हैं और दोस्तों वैसे तो मोहम्मद शमी के शानदार बॉलिंग के तो हम सभी फ्रेंड से लेकिन बहुत ही कम लोगों को उनकी मेहनत और संघर्ष के बारे में पता तो चले तो तो आज की इस पोस्ट में हम जानते हैं कि किस तरह से एक किसान के बेटे ने विश्व स्तर पर अपने बॉलिंग से सभी को प्रभावित किया है|
मोहम्मद शमी की कहानी
तो दोस्तों इस कहानी की शुरुआत होती है 3 सितंबर 1990 में उत्तर प्रदेश के अमरोहा में मोहम्मद शमी का जन्म हुआ उनके पिता का नाम तौसीफ अहमद था जो कि एक किसान थी और खेतीबाड़ी करते हुए वह अपने बच्चों की देखभाल किया करते थे वैसे दोस्तों सामी की गरीबी कभी भी खेलकूद के बीच नहीं आई और वह बचपन से ही तेज गेंदबाजी करना पसंद किया करते थे और फिर बचपन से ही क्रिकेट के अंदर जुनून को देखते हुए मोहम्मद शमी के पिता तोसीफ समझ गए थे कि उनका बेटा जरूर कुछ बड़ा करेंगे
मोहम्मद शमी के क्रिकेट कोच
और इसके लिए बार शमी को 15 साल की उम्र में बदरुद्दीन सिद्दीकी के पास ले गए जो कि मुरादाबाद के क्रिकेट कोच थी और फिर यहां पर आने के बाद मोहम्मद शमी को गेंदबाजी करते हुए थे बदरुद्दीन सिद्दीकी दिन भी काफी प्रभावित हुए और तभी से उन्होंने सामी को ट्रेनिंग देना शुरू कर दें और दोस्तों इस दौरान कई सालों तक मोहम्मद शामी ने कभी भी अपनी बॉलिंग प्रैक्टिस नहीं छोड़ी थी और वह हर दिन अपने गांव से कई किलोमीटर दूर प्रैक्टिस के लिए जाया करते थे हालांकि काफी कड़ी मेहनत के बावजूद भी अंडर-19 के ट्रायल में मोहम्मद शमी को रिजेक्ट कर दिया गया|
मोहम्मद शमी की कड़ी मेहनत
लेकिन यहां पर शमी ने हार नहीं मानी और वह कोलकाता जाकर डलहौज़ी एथलेटिक क्लब की तरफ से खेले लगी और वह तो यहां पर खेलते हुए उनके शानदार लाइन लेंथ और स्पीड से देवब्रत दास काफी प्रभावित हुए और फिर उन्होंने सामी को 75,000 के कॉन्ट्रैक्ट के साथ अपनी टाउन क्लब में शामिल कर दिया दरअसल देवव्रत बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व असिस्टेंट सेक्रेटरी थे और उन्होंने अपने घर में शमी को जगह भी दी थी क्योंकि उस समय तक शमी के पास रहने तक की जगह रही थी और फिर देवव्रत के कहने पर ही समर्पण बनर्जी क्योंकि उस समय बंगाल टीम के सिलेक्टर थे उन्होंने बंगाल के अंदर 20 टीम में मोहम्मद शमी को शामिल कर दिया और फिर इसी बीच मोहन बागान क्लब से जुड़ने के बाद शमी को सौरव गांगुली जैसे दिग्गज बल्लेबाज को बॉलिंग करने का मौका मिला और फिर गांगुली ने भी शमी की सटीक गेंदबाजी को देखते हुए नैशनल सिलेक्टर्स पर ध्यान देने का रिक्वेस्ट किया और फिर इसी बीच 2010 में बंगाल के रणजी टीम में भी उन्हें शामिल कर लिया गया था और फिर घरेलू मैचों में भी सभी का दिल जीतने के बाद इंडिया ए के तरफ से भी खेलने का उन्हें मौका मिला और
टीम में सिलेक्शन
लगातार शानदार परफॉर्मेंस के बाद से आखिरकार देर ही सही लेकिन भारत के नेशनल टीम में शामिल कर लिया गया और अपना पहला मैच उन्होंने 6 जनवरी 2013 को पाकिस्तान के खिलाफ खेला था और अपने ओडीआई डेब्यू में ही शमी ने 4 मेडन ओवर डालकर कई सारे रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए थे और फिर इसी तरह से आगे भी अच्छे खेल को देखते हुए उन्हें टी-20 और टेस्ट मैच में भी खेलने का मौका दिया गया और दोस्तों मौके मिलने के साथ ही वह टीम के सबसे तेज बॉलर बन गए थे |
खराब प्रदर्शन
दरअसल उस समय इशांत शर्मा खराब प्रदर्शन से जूझ रहे थे और बुमराह का अभी तक भारतीय क्रिकेट में उदय होना बाकी था और ऐसे में उस समय स्वामी ने अपने दम पर ही भारत को कई सारे जीते देना और मोहम्मद शमी नहीं ओडीआई में सबसे जल्दी 56 मैचों में 100 विकेट लेने का भी रिकॉर्ड अपने नाम कर दिया|
उतार-चढ़ाव
हालांकि आगे चलकर उनका करियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा लेकिन तकनीक में सुधार करने के बाद थे जब उन्होंने वापसी की तब से ही वह भारत के सबसे अहम तेज गेंदबाजों में गिर जाने लगी है और दोस्तों मोहम्मद शमी को अपने पर्सनल लाइफ में भी काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बावजूद उन्होंने क्रिकेट से अपना ध्यान कभी भी नहीं हटाया और यही वजह है कि सभी को आज भी हम विश्व के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों की गिनती नगीना करते हैं उम्मीद करते हैं कि मोहम्मद शमी की यह कहानी आपको जरूर ही पसंद आई हो|
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ( osp )
Q: मोहम्मद शमी का जन्म कहा हुआ था?
A: मोहम्मद शमी का जन्म 3 सितंबर 1990 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा में हुआ था