Lata Mangeshkar Biography in Hindi |
लता मंगेशकर का जीवन परिचय
आज हम आपको इस आर्टिकल में लता मंगेशकर जी के बारे में बताएँगे, Lata Mangeshkar Biography in Hindi | लता मंगेशकर का जीवन परिचय , सबसे पहले हम जानते है की पुराने गाने और नए गाने में क्या अंतर है | फिर हम आपको उनके जीवन में घटित घटनाएं बताएँगे, उनकी पूरी कहानी बताएँगे |

पुराने गाने और नए गानों में क्या अंतर है?
- नए गाने देर तक सुनने के बाद बंद करने का मन करता है लेकिन पुराने गाने तो बस चलते ही जाए जब तक नींद न आजाए
- पुराने गाने ( माँ की लोरी ) जैसा काम करते है , जिसे बच्चा सुने तो नींद आजाये , और बड़ा कोई सुने तो उसे पुरानी बात याद जाए
- त्योहार अधूरा है पुराने गांव के बिना जैसे रक्षाबंधन पर एक गाना हर बार चलता है जिसे सुन ने के बाद आसु निकल आते है वो गाना है – फूलो का तारो का सबका कहना है | एक हज़ारो में मेरी बहना है
- शादी पर बिदाई के समय ( बाबुल ) का गण चलता है | अगर नए रीमिक्स गाने चलदिये तो माहोल बिगड़ सकता है|
- और जब एक समय आता है जब हम बड़े हो जाते है तो ये नए गाने अटपटे से लगते है
- जैसे जैसे उम्र गुजरती है वैसे वैसे ही पुराने गाने दिल के करीब आजाते है , क्युकी उस गाने में कही गयी बाते दिल छू लेती है |
- बहुत सी यादे ताज़ा हो जाती है | कितनी बार भी सुनो मन नहीं भरता
- यदि आप कार में सफर कर रहे हो तो लता जी या आशा जी का गाना चलादेना सब सो जाएंगे 🙂 एक गाना मेरा पसंदीदा ( आशा भोसले जी का : छोटी सी कहानी )
प्रेमिका की तारीफ
- पुराना गीत –
ना कस्में हों ना रस्में हों, ना शिकवे हों ना वादे हों
एक सूरत भोली भाली हो, दो नैना सीधे सादे हों
ऐसा ही रूप ख्यालों में था, ऐसा मैने सोचा था
हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो जैसा मैनें सोचा था……..
- नया गीत –
चले जब तू लटक-मटक, लौंडों के दिल पटक-पटक
साँसें जाएँ अटक-अटक, आता माझी सटक-सटक
Bum तेरा गोते खाए, कमर पे तेरी butterfly
Body तेरी मक्खन, जैसे खाने में बस तू butter खाए
अगर प्रेमिका किसी और से शादी कर ले
- पुराना गीत –
खुश रहे तू सदा ये दुआ है मेरी
बेवफा ही सही दिलरूबा है मेरी
- नया गीत –
छोटी छोटी बातों से
है तूने जो सताया मुझे
ऊँगली पे नचा के मुझे
चुना जो लगया मुझे
अरे जा जा जा गो टू हेलल
अरे जा जा जा वांनै से दिस
जा चुड़ैल जा
चुड़ैल जा चुड़ैल
पार्टी में –
- पुराना गीत –
ये कौन आया रौशन हो गई महफिल जिस के नाम से
मेरे घर में सूरज जैसे निकला है शाम से
- नया गीत –
आज बोताल्लां खुल्लं दो
दारु-शारु धुल्लां दो
व्हिस्की दा पेग लगा दो
सारी दुनिया भुल्लां दो
पार्टी अल नाईट
पार्टी अल नाईट
मोटीवेशनल गीत
- पुराना गीत –
सभी का देखो कहाँ होता है नसीबा रोशन सितारों जैसा
सयाना वो है जो पतझड़ में भी खिला ले मौसम बहारों जैसा
आँखों में आँसू भी आयें तो आके मुस्काये………
- नया गीत –
अपना टाइम आएगा
अपना टाइम आएगा
तू नंगा ही तो आया है
क्या घंटा लेकर जाएगा
अपना टाइम आएगा
प्रेमी से मिलने पर
- पुराना गीत –
दम भर जो उधर मुँह फेरे ओ चंदा…….
मैं उन से प्यार कर लूँगी, बातें हजार कर लूँगी
- नया गीत –
हे डैडी मम्मी हैं नहीं घर पे
पिछले कमरे में घुस के
कुछ तो करेंगे छुप के मिल ज़रा
हे देखेंगे इंग्लिश फिल्में
होंगे लव सीन्स जिनमे
अरमान जगा ले दिल में मिल ज़रा
अंतर स्पष्ट है, पुराने गीतों में शब्द थे, बहुत सारी भावनायें थी, पवित्रता थी, सुर थे, राग -लय – धुन थी, समझ में आने वाले शब्द थे । पुराने गीत सुनने पर सुकून मिलता है। पुराणी बाते और यादे लौट आती है|
नये गीतों में गालियाँ हैं, अश्लीलता है, नग्नता है, ना सुर है ना आवाज – बस ऑटोट्यून। नये गीत सुनने पर सिरदर्द होता है क्योंकि इनमें सिर्फ शोर है। कुल मिलाकर दिमाग की दही 🙂
Lata Mangeshkar Biography in Hindi |
लता मंगेशकर का जीवन परिचय

लता मंगेशकर का सम्पूर्ण जीवन परिचय |
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|---|---|
| लता मंगेशकर का वास्तविक व पूरा नाम नाम | लता मंगेशकर |
| लता मंगेशकर का उपनाम | बॉलीवुड की नाइटिंगेल |
| लता मंगेशकर का व्यवसाय | भारतीय पार्श्व गायिका |
लता मंगेशकर की शारीरिक संरचना |
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| लता मंगेशकर की लम्बाई (लगभग) | 155 सेंटीमीटर 1.55 मीटर 5′ 1” फीट इन्च- |
| लता मंगेशकर का वजन/भार (लगभग) | 65 किलोग्राम |
| लता मंगेशकर की आँखों का रंग | काला रंग |
| लता मंगेशकर के बालों का रंग | सफेद और काला रंग |
लता मंगेशकर का व्यक्तिगत जीवन |
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| लता मंगेशकर की जन्मतिथि | 28 सितंबर 1929 |
| लता मंगेशकर की आयु | 93 वर्ष ( 2022 में ) |
| लता मंगेशकर का जन्मस्थान | इंदौर राज्य, मध्य भारत, ब्रिटिश भारत में |
| लता मंगेशकर की राशि | तुला राशि |
| लता मंगेशकर की राष्ट्रीयता | भारती राष्ट्रीयता |
| लता मंगेशकर का गृहनगर | मुंबई, भारत में |
| लता मंगेशकर का स्कूल/विद्यालय | इटली के ट्यूरिन के पास एक शहर ओरबासानो में एक कैथोलिक स्कूल में पढ़ाई की |
| लता मंगेशकर का महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | बेल एजुकेशनल ट्रस्ट का भाषा स्कूल, कैम्ब्रिज सिटी, इंग्लैंड |
| लता मंगेशकर की शैक्षिक योग्यता | ज्ञात नहीं है |
लता मंगेशकर एक अनोखी संगीतकार |
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| लता मंगेशकर की डेब्यू | पार्श्व गायिका (फिल्म)– ‘माता, एक सपूत की दुनिया बदल दे तू’ (‘गजाभाऊ मराठी, 1943) |
| लता मंगेशकर के संगीत शिक्षक |
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| लता मंगेशकर के पुरस्कार | राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार • फ़िल्म परिचय के गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका, वर्ष 1972 में • फ़िल्म कोरा कागाज़ के गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका, वर्ष 1974 में • फ़िल्म लेकिन के गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका, वर्ष 1990 में फिल्मफेयर पुरस्कार • सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका गीत “आजा रे परदेसी” (मधुमती) के लिए, वर्ष 1959 में • सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका गीत “कहीं दीप जले कहीं दिल” (बीस साल बाद) के लिए, वर्ष 1963 में • सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका गीत “तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा” (ख़ानदान) के लिए, वर्ष 1966 में • सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका गीत “आप मुझे अच्छे लगने लगे” (जीने की राह) के लिए, वर्ष 1970 में • फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, वर्ष 1994 में • फिल्मफेयर विशेष पुरस्कार गीत “दीदी तेरा देवर दिवाना” (हम आपके हैं कौन) के लिए, वर्ष 1995 में महाराष्ट्र राज्य फिल्म पुरस्कार • सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका फिल्म “साधी माणसं” के लिए, वर्ष 1966 में • सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका फिल्म “जैत रे जैत” के लिए, वर्ष 1977 में • महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित, वर्ष 1997 में • महाराष्ट्र रत्न (प्रथम प्राप्तकर्ता) से सम्मानित, वर्ष 2001 में भारत सरकार पुरस्कार • पद्म भूषण से सम्मानित वर्ष,1969 में • दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित, वर्ष 1989 में • पद्म विभूषण से सम्मानित, वर्ष 1999 में • भारत रत्न से सम्मानित, वर्ष 2001 में • भारत की आजादी के 60 वीं वर्षगांठ स्मृति के दौरान “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित किया गया। वर्ष 2008 में, नोट– इनके अवार्ड्स के अलावा, उनके पास कई अन्य पुरस्कार, सम्मान, उपलब्धियां भी है। जो की विकिपीडिया पर उपलब्ध है |
| लता मंगेशकर का परिवार |
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| लता मंगेशकर का धर्म | हिन्दू धर्म |
| लता मंगेशकर की जातीयता | महाराष्ट्रीयन जातीय |
| लता मंगेशकर के शौक/अभिरुचि | क्रिकेट देखना, साइकिल चलाना, आदि |
| लता मंगेशकर के विवादित विवाद | • एक समय था जब लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी के बीच रॉयल्टी के मुद्दे पर मतभेद हो गए, क्योंकि लता संगीत एलबम में हिस्सा लेना चाहती थीं, जबकि रफी वेतन के लिए गीत गाते थे। • एक समय था जब लता मंगेशकर और एस. डी. बर्मन के बीच मतभेद उत्पन्न हुए, और उन्होंने 7 वर्ष तक एक-दूसरे के साथ काम करने से इनकार कर दिया। |
लता मंगेशकर की पसंदीदा चीजें |
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| लता मंगेशकर का पसंदीदा भोजन | मसालेदार भोजन, आदि |
| लता मंगेशकर का पसंदीदा पेय-पदार्थ | कोका-कोला पेय-पदार्थ |
| लता मंगेशकर के पसंदीदा राजनीतिज्ञ | अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिज्ञ |
| लता मंगेशकर के पसंदीदा अभिनेता | दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, देव आनंद, आदि |
| लता मंगेशकर की पसंदीदा अभिनेत्री | नरगिस, मीना कुमारी, आदि |
| लता मंगेशकर के पसंदीदा संगीत निर्देशक |
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| लता मंगेशकर की पसंदीदा फिल्में | किस्मत (1943), जेम्स बॉण्ड की फिल्में, आदि |
| लता मंगेशकर का पसंदीदा खेल | क्रिकेट खेल |
| लता मंगेशकर के पसंदीदा क्रिकेटर | सचिन तेंदुलकर ( क्रिकेटर ) |
| लता मंगेशकर का पसंदीदा स्थान | लॉस एंजेलिस में |
लता मंगेशकर के प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां |
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| लता मंगेशकर की वैवाहिक स्थिति | अविवाहित है | |
| लता मंगेशकरके बॉयफ्रैंड्स एवं अन्य मामले | भुपेन हजारिका (गीतकार) |
| लता मंगेशकर के पति | ज्ञात नहीं |
| लता मंगेशकर के बच्चे | कोई नहीं है | क्युकी शादी नहीं की | |
लता मंगेशकर की धन/संपत्ति संबंधित विवरण (लगभग) |
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| लता मंगेशकर का कार संग्रह | मर्सिडीज बेंज, आदि |
| लता मंगेशकर की संपत्ति | 60+ करोड़ भारतीय रुपए (2016 में ) |

लता मंगेशकर : कुछ अल्पज्ञात तथ्य व रोचक जानकारियाँ
- उनका जन्म इंदौर रियासत में दीनानाथ मंगेशकर और शेवंती (शुभामती) के घर हुआ था, जो एक मराठी भाषी परिवार (अब, मध्य प्रदेश) में मध्य भारत एजेंसी का हिस्सा था।
- उनके पिता एक शास्त्रीय गायक और एक मंच अभिनेता थे।
- दीनानाथ की दूसरी पत्नी, शेवंती, उनकी माँ थीं।
- उनके पिता दीनानाथ ने गोवा में अपने गृहनगर मंगेशी के साथ अपने परिवार को जोड़ने के लिए परिवार का उपनाम हार्दिकर से बदलकर मंगेशकर कर दिया।
- लता के जन्म के समय उन्हें हेमा नाम दिया गया था, लेकिन उनके पिता के नाटक ‘भाव बंधन’ में ‘लतिका’ नामक एक महिला चरित्र के बाद उनके माता-पिता ने इसे लता में बदल दिया।

- 1938 में, उन्होंने शोलापुर के नूतन थिएटर में अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति दी, जहाँ उन्होंने ‘राग खंबावती’ और दो मराठी गीत गाए।
- लता ने पांच साल की उम्र में अपने पिता के मराठी संगीत नाटकों (संगीत नाटक) में अभिनय करना शुरू कर दिया था।
- वह सिर्फ एक दिन के लिए स्कूल गई थी। वह कथित तौर पर अपनी छोटी बहन, आशा को स्कूल के पहले दिन ले आई और अन्य विद्यार्थियों को संगीत पढ़ाना शुरू कर दिया, और जब शिक्षकों ने हस्तक्षेप किया, तो वह इतनी क्रोधित हो गई कि उसने स्कूल जाना छोड़ दिया।
- उन्होंने 9 सितंबर, 1938 को महाराष्ट्र के सोलापुर में नूतन संगीत थिएटर में एक कार्यक्रम में राग खंबावती गाया, जब वह अपने पिता के साथ ‘शास्त्रीय संगीत’ के प्रदर्शन में शामिल हुईं। इस बात का खुलासा प्रतिष्ठित गायक द्वारा सितंबर 2021 की फेसबुक पोस्ट में किया गया था।

- 1942 में जब वह 13 साल की थीं, तब उनके पिता की हृदय रोग से मृत्यु हो गई, और उनकी मृत्यु के बाद, मंगेशकर परिवार के करीबी दोस्तों में से एक, मास्टर विनायक (विनायक दामोदर कर्नाटकी), ने उनके परिवार की देखभाल की और उन्हें एक अभिनेत्री के रूप में अपना करियर स्थापित करने में मदद की। और गायक।
- उन्होंने 1942 में मराठी फिल्म ‘किटी हसाल’ के लिए अपना पहला गाना ‘नाचू या गड़े, खेलो सारी मणि हौस भारी’ गाया, लेकिन बाद में इसे अंतिम कट से हटा दिया गया।
- मराठी फिल्म ‘पहिली मंगला-गौरिन’ के लिए, उन्होंने अपना पहला गीत, ‘नताली चैत्रची नवलई’ (1942) गाया।
- मराठी फिल्म ‘गजाभाऊ’ के लिए ‘माता एक सपूत की दुनिया बदल दे तू’ उनका पहला हिंदी गाना (1943) था।
- 1945 में, लता मुंबई आ गईं।
- मास्टर विनायक की पहली हिंदी फिल्म, ‘बड़ी माँ’ में, उनकी बहन आशा (1945) के साथ उनकी एक छोटी भूमिका थी।
- जब संगीत निर्देशक गुलाम हैदर ने लता को निर्माता शशधर मुखर्जी से मिलवाया, जो फिल्म “शहीद” (1948) में काम कर रहे थे, मुखर्जी ने लता की आवाज की “बहुत पतली” कहकर आलोचना की, जिस पर हैदर ने जवाब दिया,
- निर्माता और निर्देशक आने वाले वर्षों में “लता के चरणों में गिरेंगे” और “उनसे पूछें” अपनी फिल्मों में गाने के लिए।
- फिल्म ‘मजबूर’ का ‘दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का ना छोरा’ लता का पहला सफल हिट गाना (1948) था।
- लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि गुलाम हैदर उनके असली गॉडफादर थे जिन्हें उनकी काबिलियत पर भरोसा था।
- माना जाता है कि उन्होंने प्रसिद्ध गायिका नूरजहाँ की नकल करके शुरुआत की थी, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे अपनी गायन शैली स्थापित की।

- जब दिलीप कुमार (अभिनेता) ने उर्दू / हिंदी गाने गाते हुए उनके महाराष्ट्रीयन लहजे पर टिप्पणी की, तो उन्होंने एक उर्दू शिक्षक शफी से उर्दू की कक्षाएं लेनी शुरू कर दीं।
- वह फिल्म ‘महल’ (1949) के गीत ‘आएगा आने वाला’ के रिलीज होने के बाद प्रमुखता से उठीं। यह गीत संगीत उद्योग में सबसे कठिन गायन में से एक माना जाता है, और यह कहा जाता है कि कोई भी इसे उतना नहीं गा सकता जितना लता ने गाया है।
- फिल्म “चोरी चोरी” के उनके गीत “रसिक बलमा” को 1956 में सर्वश्रेष्ठ गीत का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। वह पुरस्कार प्राप्त करने में असमर्थ थीं क्योंकि फिल्मफेयर पुरस्कार 1958 में शुरू किए गए थे और पार्श्व गायकों के लिए कोई श्रेणी नहीं थी; फिर भी, उनकी आपत्ति के बाद, श्रेणी को 1958 में जोड़ा गया।
- मधुमती फिल्म के गीत “आज रे परदेसी” के लिए, लता को सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका (1958) का पहला फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। 1958 से 1966 तक सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका के लिए फिल्मफेयर अवार्ड्स पर उनका एकाधिकार था, और 1969 में नई प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए एक अभूतपूर्व इशारे में पुरस्कारों को छोड़ने के बाद ही यह समाप्त हो गया।
- फिल्म ‘परिचय’ के गीतों के लिए, उन्होंने सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका (1972) के लिए अपना पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अर्जित किया।
- वह फिल्म ‘लेकिन’ (1990) के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका की श्रेणी में सबसे उम्रदराज राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता (61 वर्ष की आयु में) भी हैं।
- कथित तौर पर उन्हें 1962 की शुरुआत में देरी से जहर दिया गया था, और परिणामस्वरूप उन्हें लगभग तीन महीने तक बिस्तर पर रखा गया था।
- चीन-भारतीय युद्ध की पृष्ठभूमि के खिलाफ, लता ने 27 जनवरी, 1963 को “ऐ मेरे वतन के लोगो” नामक एक देशभक्ति गीत दिया। जवाहरलाल नेहरू (उस समय भारत के प्रधान मंत्री) गीत से आंसू बहा रहे थे।

- संगीत निर्देशक लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के लिए लता ने सबसे अधिक (712) गाने गाए।
- 1955 में, उन्होंने मराठी फिल्म ‘राम राम पावना’ के लिए अपना पहला संगीत तैयार किया।
- वडाई (मराठी 1953), झांझर (हिंदी 1953), कंचन (हिंदी 1955), और लेकिन (हिंदी 1955) वे चार फिल्में हैं जिनका उन्होंने निर्माण किया है (1990)।
- भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ उन्हें 2001 में प्रदान किया गया था।
- लता मंगेशकर पुरस्कार की स्थापना क्रमशः 1984 और 1992 में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारों द्वारा की गई थी।
- वह मेकअप करने से कतराती है।
- उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि के एल सहगल से मिलना और दिलीप कुमार के लिए गाना उनके दो अधूरे सपने थे।
- उन्होंने 14 भाषाओं में 50000 से अधिक गाने गाए हैं।
- उन्हें 1999 में राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन उन्होंने शपथ लेने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि अभिनेत्री रेखा और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर उनसे बेहतर करेंगे। “उसने कहा,” उसने समझाया।
वास्तव में, मैंने उन लोगों से भीख मांगी जिन्होंने मुझे क्षमा करने के लिए राज्यसभा में धक्का दिया। मैं अभी भी लालकृष्ण आडवाणी जी और अटल बिहारी वाजपेयी जी को बहुत सम्मान देता हूं, इस तथ्य के बावजूद कि मैं किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं हूं। मुझे नहीं पता था कि जब मैं राजनीति में आया तो मैं क्या कह रहा था। मुझे यकीन है कि सचिन मुझसे ज्यादा राजनीति के बारे में समझते हैं।”
- भारतीय संगीत में उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि के रूप में, भारत सरकार ने उन्हें 2019 में उनके 9वें जन्मदिन पर “राष्ट्र की बेटी” की उपाधि से सम्मानित किया।
Lata Mangeshkar Biography in Hindi |
लता मंगेशकर का जीवन परिचय
दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं भारत की सबसे सुरीली आवाज की मालकिन और भारत की सबसे प्रतिष्ठित प्लेबैक सिंगर लता मंगेशकर जी के बारे में|
लता मंगेशकर का परिचय
दोस्तों लता जी की परिचय का मोहताज नहीं है सिंगिंग में वह जिस मुकाम तक पहुंच चुकी हैं वहां पहुंचना अब शायद ही किसी के लिए मुमकिन हो | कहा जाता है कि उनकी आवाज में जो मिठास है वह दुनिया में किसी दूसरे सिंगर की आवाज में नहीं है उन्होंने एक हजार से भी ज्यादा फिल्मों में गाने गाए हैं और देश विदेश की लगभग 36 भाषाओं में गए हैं एम एस सुब्बुलक्ष्मी जी के बाद वह दूसरी गायक हैं जिन्हे भारत रत्न से सम्मानित किया गया है जो कि भारत का सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड है इसके अलावा उन्हें फ्रांस का भी सबसे बड़ा सिविलियन अवार्ड ” ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर” से सम्मानित किया गया है तो चलिए लता जी के बारे में शुरू से जानते हैं|
लता मंगेशकर का जन्म

उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के प्रिंसली स्टेट ऑफ इंदौर में हुआ था उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर एक क्लासिकल सिंगर थे और थिएटर में एक्टिंग करते थे| बचपन में उनका नाम हेमा था मगर उनके पैरंट्स ने बाद में उनका नाम बदलकर लता रख दिया जो कि उनके पिता के नाटक भाव बंधन की एक पात्र थी उनके परिवार का टाइटल पहले हार्दिकर था मगर उनके पिता ने उसे बदलकर मंगेशकर रख दिया ताकि लोग यह जान सके कि वह लोग गोवा के गांव मंगेशी के हैं|
लता मंगेशकर की तीनो बहनो के नाम
- मीना खाड़ीकर
- आशा भोसले
- उषा मंगेशकर
संगीत की शुरुआत
लता जी को संगीत की शुरुआती शिक्षा उनके पिता नहीं थी 5 साल की उम्र में वह अपने पिता के संगीत के नाटकों में हिस्सा लिया करती थी और अपने स्कूल के पहले ही दिन से वह और बच्चों को गाना सिखाया करती थी जब टीचर ने उनको मना किया तो वह इतनी नाराज हो गई कि वह स्कूल जाना छोड़ दी|

गलत राग
उनके पिता कई शिक्षकों को नाटक और संगीत सिखाया करते थे एक बार की बात है कि उनके एक शिष्य कोई राग गलत तरह से गा रहे थे अपने पिता की गैर हाजिरी में छोटी सी उम्र में ही लता जी ने उनको बताया कि यह राग आप गलत गा रहे हैं और इसे इस तरह गाया जाता है | जब यह सब हो रहा था तो उनके पिता उनके ठीक पीछे खड़े थे लता जी के जवाब और संगीत की रुचि से प्रभावित होकर उनके पिता ने उन्हें भी संगीत सिखाना शुरू कर दिया सब कुछ ठीक ही चल रहा था मगर तभी जब लता जी सिर्फ 13 साल की थी तो उनके पिता का देहांत हो गया घर की सबसे बड़ी लड़की होने के कारण परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं के ऊपर आ गई और उन्हें ना चाहते हुए भी एक्टिंग करनी पड़ी|
उस्ताद अमानत अली खान

हालांकि कुछ समय के बाद उन्होंने एक्टिंग छोड़कर पूरी तरह सिंगिंग पर ही ध्यान दिया एक समय वह भी था कि उनकी आवाज को सुनकर फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने कहा कि उनकी आवाज इतनी पतली है की यह सिंगिंग के लिए सही नहीं है| मुंबई में उनके पहले गुरु उस्ताद अमानत अली खान बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए और उनके मार्गदर्शक विनायक दामोदर जी की 1948 में मृत्यु हो गई उसके बाद उन्होंने मास्टर गुलाम हैदर से संगीत सीखा और उन्होंने लता जी की बहुत मदद की है|

कई सालों की स्ट्रगल के बाद हिंदी मूवी महल के गाने आएगा आनेवाला ने धूम मचा दी और उसके बाद लता जी का कैरियर चल पड़ा
ए मेरे वतन के लोगों
1962 में एक बार लता जी की तबीयत बहुत खराब हुई डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा था बाद में यह बात पता चली कि उनके घर में खाना बनाने वाला रसोईया ही उन्हें धीमा जहर दे रहा था और लता जी की तबीयत खराब होने के बाद वह भाग गया जब भारत और चीन का युद्ध छिड़ा और युद्ध में भारत की स्थिति बहुत नाजुक हो गई तब 1963 में लता जी ने “ए मेरे वतन के लोगों” गाना गाया उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरु भी वहीं पर मौजूद थे और लता जी का यह गाना सुनकर वह अपने आप को रोने से रोक नहीं पाए|
आनंदघन
उन्होंने कई मराठी फिल्मों में आनंदघन के नाम से म्यूजिक भी बनाया था उन्होंने नाम इसलिए बदला क्योंकि वह किसी के सामने यह जाहिर नहीं करना चाह रही थी कि म्यूजिक उन्हें का दिया हुआ है मगर बाद में फिल्मों के बहुत ज्यादा सफल हो जाने के बाद यह राज खुल ही गया|
अवार्ड्स
अवार्ड के बारे में तो कहना ही क्या इंडिया और फ्रांस के सबसे बड़े सिविलियन अवार्ड के बारे में तो मैं पहले ही बता चुका हूं इनके अलावा लता जी को
- पद्म भूषण
- पद्म विभूषण
- दादा साहब फाल्के अवार्ड
- महाराष्ट्र भूषण अवार्ड
और ऐसे ही कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है|

ऐसी कलाकार वाकई में भारत के लिए किसी रत्न से कम नहीं है आपको यह पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके हमें बताएं |
धन्यवाद
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