Khali Biography in Hindi
नाम | द ग्रेट खली |
जन्म तिथि | Aug 27, 1972 |
उम्र | 50 साल के ( 2022 में ) |
जन्म स्थान | जालंधर, पंजाब |
पत्नी | हरमिंदर कौर |
लम्बाई | 7’1″ |
वजन | 157 Kg |
पढाई | NA |
खली को प्यार से
बुलाने वाले नाम |
The Punjabi Playboy, The Punjabi Moster,
The Punjabi Titan, The Prince of the Land of Five Rivers, T-Rex, The Punjabi Nightmare |
माता का नाम | टंडी देवी |
पिता का नाम | ज्वाला राम |
खाली का असली नाम | दिलीप सिंह राणा |
कुल भाई – बहन | 7 भाई-बहन |
बीमारी | एग्रोमेकली |
गांव | धीरेना , जालंधर |
वजन | 157 Kg |
पढाई | NA |
पहले क्या काम करते थे | मजदूरी करनी पड़ी |
The Great Khali : WWE Wrestler
दोस्तों आज मैं बात करने जा रहा हूं भारत के प्रोफेशनल पहलवान दिलीप सिंह राणा की जिन्हें हम आम तौर पर द ग्रेट खली के नाम से जानते हैं दोस्तों खली एक ऐसा नाम है जितने देश विदेश के बड़े-बड़े पहलवानों के छक्के छुड़ाए हैं और रेसलिंग की खेल में भारत का नाम रोशन किया है द ग्रेट खली ने जॉन सीना और टेबल मेट जैसे खूंखार फाइटर को हराकर 2007 – 2008 के वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप में जीत हासिल की| ( द ग्रेट खली की जीवनी – Khali Biography in Hindi )
मजदूरी करनी पड़ी
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इतने महान रेसलर ने अपना जीवन बहुत ही कठिनाइयों से शुरू किया उनके पिता एक किसान थे और घर के हालात कुछ इस तरह खराब थी कि बचपन में उन्हें पढ़ाई छोड़ कर अपना पेट पालने के लिए मजदूरी करनी पड़ी लेकिन खली ने हार ना मानते हुए अपने आपको एक ऐसे मुकाम पर ला दिया कि वह आज अपने साथ-साथ अपने गांव के विकास के लिए भी पैसे खर्च करते हैं तो चलिए दोस्तों बिना आपका समय खराब किए हम द ग्रेट खली के इस प्रेरणादायक सफर को शुरू से जानते हैं|
द ग्रेट खली की जीवनी
Khali Biography in Hindi
दिलीप सिंह राणा का जन्म 27 अगस्त 1972 को हिमाचल प्रदेश के धीरेना नाम की जगह पर हुआ था उनके पिता का नाम ज्वाला राम था जो खेतों में काम करके अपना घर चलाते थे लेकिन खली को लेकर उनके कुल 7 भाई-बहन थे और फैमिली बड़ी होने की वजह से सिर्फ एक आदमी को घर चलाने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता था इसीलिए उनकी मां टंडी देवी भी मजदूरी करती थी खली भी अपने परिवार की आर्थिक हालत को देखते हुए ज्यादा दिनों तक पढ़ाई नहीं कर सके और फिर गांव में ही मजदूरी करने लगे गांव के लोग भी उनके हाइट और बॉडी का फायदा उठाते थे और सभी भारी-भरकम काम उन्हीं से करवाते थे|
बीमारी से ग्रस्त
लेकिन दोस्तों बहुत कम लोगों को पता है कि खली का ऐसा शरीर एग्रोमेकली नाम की बीमारी से ग्रस्त होने की वजह से है और इस बीमारी की वजह से उनका चेहरा भी थोड़ा अजीब दिखता है गांव में तो सभी लोग खली के बॉडी और फेस से वाकिफ थे लेकिन जब कभी वह गांव से बाहर जाते थे तब लोग उन्हें देखकर इकट्ठे हो जाते हैं और फिर उनका मजाक बनाते थे| इन बातों का खली को बहुत दुख होता था|
गांव में मजदूरी
कुछ दिनों तक गांव में मजदूरी करने के बाद जब उन्हें ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ने लगी तो भी अपने गांव से शिमला चले गए और फिर वहां जाकर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगे लेकिन यह भी उनके लिए काफी नहीं था क्योंकि काम करने के बाद उन्हें जितना भी पैसा मिलता था उससे उनकी डाइट भी पूरी नहीं हो पाती थी | पैसे घर भेजने की तो बात ही छोड़ दीजिए|
पंजाब पुलिस में नौकरी
लेकिन तभी शिमला घूमने आए एक पंजाब पुलिस ऑफिसर की नजर खली पर पड़ी और भी उनके शरीर को देखकर मानो दंग रह गए फिर उन्होंने खली की आर्थिक सहायता करते हुए उन्हें पंजाब आकर पुलिस में शामिल होने को कहा आखिरकार 1993 में खली को पंजाब पुलिस में नौकरी मिल गई और तब जाकर खली की जिंदगी भी धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी|
लेकिन खली अभी रुकने वालों में से नहीं थे उनकी बॉडी को देखते हुए उन्हें जालंधर की एक जिम में रेसलिंग के लिए तैयार किया गया क्योंकि उस समय रेसलिंग की खेल को लोग बहुत तेजी से पसंद कर रहे थे और भारत की तरफ से खेलने वाला कोई भी खिलाड़ी नहीं था आखिरकार पूरी तैयारी के साथ अक्टूबर 2000 में खली अमेरिका पहुंचे और पहली बार ऑल प्रो रेस्टलिंग में पार्टिसिपेट किया|
डब्ल्यूडब्ल्यूई के साथ कॉन्ट्रैक्ट
दोस्तों जैसे ही पहले दिन खली ने रिंग में कदम रखा उन्हें देखकर बड़े-बड़े रेसलर भी काँप उठे यहां तक कि 28 मई 2001 को खली की मार की वजह से ब्रायन ओक नाम की एक रेसलर की मौत तक हो गई | 2 जनवरी 2006 को खली डब्ल्यूडब्ल्यूई के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करने वाले पहले भारतीय रेस्टलेर बने इसके बाद उन्होंने अंडरटेकर जैसे ताकतवर रेस्टलेर को भी 10 मिनट में हराकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और फिर आगे चलकर बिग शो, मार्क, और बतिस्ता जैसे पहलवानों को मात देकर WWE का खिताब जीता|
सम्मान और पुरस्कार
इसके बाद भी कई सालों तक खली का दबदबा कायम रहा और उन्हें बहुत सारा सम्मान और पुरस्कार मिला दोस्तों डब्ल्यूडब्ल्यूई में सफर शुरू करना इतना आसान नहीं था यहां पैसा तो जमकर मिलता है मगर उसके लिए खूब पसीना भी बहाना पड़ता है लेकिन खली ने अपने संघर्षों से दिखा दिया कि इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं|
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ( OSP )
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