विश्वनाथन आनंद Quick Bio
नाम | विश्वनाथन आनंद |
जन्मतिथि
व जन्मस्थान |
11 दिसम्बर, 1969,
माइलादुत्रयी, तमिलनाडु |
पिता | विश्वनाथन अय्यर |
माता | सुशीला |
पत्नी | अरुणा आनंद |
बच्चे | अखिल |
शिक्षा | ग्रेजुएशऩ |
Viswanathan Anand Biography in Hindi
विश्वनाथन आनंद जीवनी
” विश्वनाथन आनंद का जीवन परिचय “ |
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विश्वनाथन आनंद का उपनाम | विशी, लाइटनिंग किड, टाइगर ऑफ़ मद्रास |
विश्वनाथन आनंद का व्यवसाय / काम | शतरंज के खिलाडी / विशेषज्ञ (पांच बार के विश्व शतरंज चैंपियन) |
शारीरिक संरचना, आदि ( लगभग ) |
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विश्वनाथन आनंद की लम्बाई | 175 सेंटीमीटर 1.75 वर्ग मीटर 5’9″ फुट इंच |
विश्वनाथन आनंद वजन | 75 किलोग्राम 65 पाउंड |
विश्वनाथन आनंद की आँखों का रंग | कला रंग |
विश्वनाथन आनंद के बालो का रंग | कला रंग |
विश्वनाथन आनंद के रिकॉर्ड/उपलब्धियां (मुख्य वाली) | अभिलेख
• कोयंबटूर में (15 वर्ष की आयु में) ‘इंटरनेशनल मास्टर’ के खिताब के साथ एशियाई जूनियर शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय। • सोलह साल की उम्र में उन्होंने दो बार राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप जीती। • 1987 में, वह विश्व जूनियर शतरंज चैम्पियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय बने। • 18 साल की उम्र में, भारत के पहले ग्रैंडमास्टर ने 1988 में कोयंबटूर, भारत में शक्ति फाइनेंस इंटरनेशनल शतरंज टूर्नामेंट जीता। • 2007, 2008, 2010, और 2012 में वे पुनः एकीकृत ‘वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप।’ जीता • 2000 और 2007 में, वह तेहरान में FIDE विश्व शतरंज चैम्पियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय थे। • अप्रैल 2007 में, उन्हें ‘FIDE एलो रेटिंग’ में नंबर 1 स्थान दिया गया था। • 1999, 2000 और 2001 में, उन्होंने “उन्नत शतरंज” प्रतियोगिता जीती। उपलब्धियों
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व्यक्तिगत जीवन |
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विश्वनाथन आनंद जन्मतिथि | 11 दिसंबर 1969 |
विश्वनाथन आनंद की उम्र | 51 वर्ष |
विश्वनाथन आनंद का जन्मस्थान | मयिलादुथुराई, तमिल नाडु |
विश्वनाथन आनंद की राशि | धनुराशि |
विश्वनाथन आनंद की राष्ट्रीयता | भारतीय |
विश्वनाथन आनंद का मूल निवास स्थान | मयिलादुथुराई, तमिल नाडु |
विश्वनाथन आनंद का स्कूल | डॉन बॉस्को मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल, एग्मोर, चेन्नई |
विश्वनाथन आनंद का कॉलेज | लोयोला कॉलेज, चेन्नई |
विश्वनाथन आनंद की शैक्षिक योग्यता | बैचलर ऑफ कॉमर्स में डिग्री |
विश्वनाथन आनंद का परिवार | पिता- कृष्णमूर्ति विश्वनाथन (दक्षिणी रेलवे के एक सेवानिवृत्त महाप्रबंधक; 15 अप्रैल 2021 को एक संक्षिप्त बीमारी के बाद मृत्यु हो गई)
माता- सुशीला (एक गृहिणी) भाई- शिवकुमार (भारत में क्रॉम्पटन ग्रीव्स में प्रबंधक) बहन- अनुराधा (संयुक्त राज्य अमेरिका में मिशिगन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर) |
विश्वनाथन आनंद का धर्म | हिन्दू धर्म |
विश्वनाथन आनंद का पता | चेन्नई, तमिलनाडु,
कोलाडो मेडियानो, स्पेन |
विश्वनाथन आनंद के शौक | तैरना, पढ़ना और संगीत सुनना |
पसंदीदा चीजें, आदि |
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विश्वनाथन आनंद के पसंदीदा चैस खिलाडी | बॉबी फिशर |
विश्वनाथन आनंद की पसंदीदा | खगोल विज्ञान पर कार्ल सागन की पुस्तक |
परिवार, आदि |
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विश्वनाथन आनंद की वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विश्वनाथन आनंद की पत्नी | अरुणा |
विश्वनाथन आनंद की शादी का वर्ष | वर्ष 1996 में |
विश्वनाथन आनंद के बच्चे | बेटा- अखिल (जन्म : 9 अप्रैल 2011 को ) |
गढ़िया / वाहन |
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विश्वनाथन आनंद की गढ़ियो का संघ्रह | BMW and Range Rover |
धन – संपत्ति विवरण / धन दौलत |
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विश्वनाथन आनंद की नेट वर्थ ( लगभग ) | INR 304 + crores, $4.5 million |
विश्वनाथन आनंद के बारे में कुछ कम ज्ञात तथ्य व रोचक जानकारियाँ
- क्या विश्वनाथन आनंद सिगरेट का सेवन हैं? ज्ञात नहीं
- क्या विश्वनाथन आनंद मदिरापान करते हैं? ज्ञात नहीं
- उन्होंने छह साल की उम्र में अपनी मां और एक पारिवारिक मित्र दीपा रामकृष्णन से शतरंज सीखना शुरू किया था।
- बचपन में वह शतरंज का खेल 15-25 मिनट में खत्म कर देता था, लेकिन उसके साथियों को 2-3 घंटे लगते थे।
- उन्होंने अपने शतरंज कौशल में सुधार करने और आगे का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए फिलीपींस में एक वर्ष बिताया।
- हांगकांग में, उन्होंने 1985 में एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप जीती।
उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय के मानद डॉक्टरेट के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। - वह तमिल, अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच और स्पेनिश में संवाद कर सकता है।
- वह मास्को का आनंद लेता है, जिसे दुनिया की शतरंज राजधानी के रूप में जाना जाता है।
वह एनआईआईटी के ब्रांड एंबेसडर हैं।
- ब्रह्मांड में एक छोटा ग्रह ‘विश्यानंद’ 1988 में खोजा गया था और उसके नाम पर ‘इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन’ के ‘माइकल रुडेंको’ ने नाम दिया था।
- सांख्यिकी, इतिहास और खगोल विज्ञान तीन ऐसे विषय हैं जो उनकी जिज्ञासा को शांत करते हैं।
उनका मानना है कि उनका सबसे अच्छा गुण उनका अंतर्ज्ञान है। - उन्होंने अपना स्वर्ण पदक ‘द फाउंडेशन’ को प्रस्तुत किया है, जो एक परोपकारी संगठन है जो गरीब बच्चों की मदद करता है।
- उन्होंने “माई बेस्ट गेम्स ऑफ चेस” पुस्तक लिखी, जिसने 1998 में ब्रिटिश शतरंज फेडरेशन का “बुक ऑफ द ईयर” पुरस्कार जीता।
- उन्होंने 2010 में हैदराबाद में गणितज्ञों की अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में एक मैच में एक साथ 39 शतरंज के जादूगरों को हराया, जिसमें एक ड्रॉ रहा।
- वह अगस्त 2010 में ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट के निदेशक मंडल में शामिल हुए।
उन्होंने ‘2010 विश्व शतरंज चैंपियनशिप’ में भाग लेने के लिए कार से 40 घंटे की यात्रा की। - पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें 7 नवंबर, 2010 को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ भोजन पर आमंत्रित किया।
- 24 दिसंबर, 2010 को, वह गुजरात विश्वविद्यालय के एक अतिथि, जहां 20,486 शतरंज खिलाड़ियों को एक ही स्थान में शतरंज खेल से एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया के रूप में सम्मानित किया गया।
- सीएनएन-आईबीएन ने उन्हें ‘सीएनएन-आईबीएन इंडियन ऑफ द ईयर 2012’ और ‘इंडियन स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर’ नामित किया है।
- 12 मैचों के बाद, बोरिस गेलफैंड के खिलाफ उनका खेल 6-6 से बराबरी पर था, लेकिन उन्होंने अंततः 2.5-1.5 स्कोर के साथ तीसरी बार विश्व चैम्पियनशिप जीती।
- उन्होंने लिनारेस और डॉर्टमुंड सहित दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण घटनाओं में भी तीन बार जीत हासिल की है।
- उनके सम्मान में, भारतीय राज्य तमिलनाडु ने 1986 से 2012 तक उनकी उपलब्धियों का विवरण देते हुए एक पुस्तिका जारी की, साथ ही उन्हें रुपये की राशि भी प्रदान की। 2 करोड़।
- इज़राइल में ‘2012 विश्व शतरंज चैंपियनशिप’ में अपनी जीत के बाद, रूसी राष्ट्रपति ‘व्लादिमीर पुतिन’ ने उन्हें चाय के लिए कहा।
- वह एक शांत, आरक्षित और विनम्र व्यक्ति हैं जो राजनीति से बचते हैं।
Viswanathan Anand Biography in Hindi
विश्वनाथन आनंद जीवनी
महत्वपूर्ण शिक्षा
एक महत्वपूर्ण शिक्षा जो हमें शतरंज के खेल से मिलती है वह यह है कि एक बार जो चाल आपने जल्दी उसे आप वापस नहीं ले सकते आपको बहुत सोच समझ कर अपने फैसले लेने चाहिए आपको अपने चुनाव का आकलन पहले ही अच्छे से कर लेना चाहिए क्योंकि एक बार आपने फैसला ले लिया तो इस बात की कोई गारंटी नहीं कि आगे क्या होगा|
शतरंज
दोस्तों चैस यानी शतरंज के खेल की शुरूआत हजारों साल पहले भारत में हुई थी | भारत से ही यह गेम पर एशिया और अरब में पहुंचा फिर कुछ समय में पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया मगर भारत के लिए यह दुर्भाग्य की बात रही कि जिस खेल की शुरुआत भारत से हुई उसे अपने ही देश में ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला|
रिकॉर्ड
आज हम बात करने जा रहे हैं विश्वनाथन आनंद के बारे में जिन्होंने चैस में कई सारे रिकॉर्ड बनाए और विश्व स्तर पर भारत के नाम को और ऊंचा कर दिए | सिर्फ 19 साल की उम्र में उन्होंने चैस में ग्रैंड मास्टर की उपाधि हासिल कर ली ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय हैं|
छह बार वर्ल्ड चैंपियन
वह 2007 में चैस की वर्ल्ड चैंपियन बने और लगातार छह बार वर्ल्ड चैंपियन रहे | जो कि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है 2013 में नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन से हारने के बाद उनकी ए टाइटल चली गई वह वर्ल्ड रैपिड चैस चैंपियनशिप में भी 23 और 2017 में विजेता रहे थे| 1992 में उन्हें भारत के सबसे बड़े स्पोर्ट्स अवॉर्ड राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था इसके अलावा 2007 में पद्म विभूषण पाने वाले वह पहले खिलाड़ी हैं|
विश्वनाथन आनंद
तो चलिए वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद के बारे में शुरू से जानते हैं उनका जन्म 11 दिसंबर 1969 को तमिलनाडु के मायिलादउतुराई में हुआ था उनके पिता श्री कृष्ण मूर्ति विश्वनाथन दक्षिण रेलवे के जनरल मैनेजर थे और उनकी मां सुशीला जी हाउसवाइफ थी आनंद की बड़ी बहन है अनुराधा आनंद जो उनसे 11 साल बड़ी हैं और एक बड़े भाई हैं शिव कुमार आनंद जॉन से 13 साल बड़े हैं|
सपोर्ट
वह बताते हैं कि उनकी मां बहुत अच्छा चैस खेला करती थी हालांकि घर के काम में व्यस्त रहने के कारण वह कभी क्लब में नहीं खेल पाए मगर घर पर ही वह बहुत अच्छा खेला करती थी जब वह सिर्फ 6 साल के थे तभी उन्होंने आनंद को चेस खेलना सिखाना शुरू कर दिया था | उन्हें बचपन से ही अपनी मां का बहुत ज्यादा सपोर्ट मिला है आनंद को और अच्छे से ट्रेन करने के लिए उन्होंने उन्हें चेस क्लब ज्वाइन करा दिया| उनके पिता को चैस खेलना तो नहीं आता था मगर वह भी आनंद को बहुत सपोर्ट करते थे ऐसा सपोर्ट उस समय बहुत कम देखने को मिलता था जब लोग सिर्फ यही सोचते थे कि बच्चे अच्छे से पढ़ाई करके नौकरी पा जाए|
चैस प्रोग्राम
जब वह सिर्फ 8 साल के थे तो उनके पिता को एक प्रोजेक्ट के लिए विदेश भेजा गया | उस समय फिलीपींस बहुत पॉपुलर था वहां पर टीवी पर एक चैस प्रोग्राम होता था जो रोज दोपहर को 1:00 बजे से 2:00 बजे तक आता था और उसमें जीतने वाले को एक इनाम के तौर पर दी जाती थी|
पजल सॉल्व का किस्सा
उस समय तो वो स्कूल में रहते थे पर जो भी गेम को दिखाते थे और जो सवाल वह पूछते थे उसे उनकी मां नोट करके रखती थी जब वह स्कूल से आते थे तो पजल सॉल्व करके जमा कर देते थे और बार-बार प्राइस वही जीते थे | इससे परेशान होकर सीरियल के ऑर्गेनाइजर्स ने उन्हें बुलाया और कहा कि तुम हमारी लाइब्रेरी से जितनी चाहे किताबें उठा ले जाओ मगर अब तुम अपने आंसर मत भेजना वरना लोगों को लगेगा कि सिर्फ तुम ही हो जो जवाब भेजते हो|
जूनियर चैस चैंपियनशिप
आनंद का टैलेंट और घर पर एक बच्चे को मिलने वाला सपोर्ट रंग दिखाने लगा और उन्होंने सिर्फ 14 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय स्तर की सब जूनियर चैस चैंपियनशिप जीत ली यह तो सिर्फ एक शुरुआत थी एक चैस चैंपियन के बनने की अगले साल एशियन जूनियर चैंपियनशिप जीतकर वह पूरे एशिया के चैंपियन बन गए| इसके बाद 15 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर की पद्वी पाने वाले वह पहले भारतीय बन गए | अगले साल की एशियाई जूनियर चेस चैंपियनशिप को फिर से जीत गया | 18 साल की उम्र में वर्ल्ड जूनियर चेस चैंपियनशिप जीतने वाले वह पहले भारतीय बन गए|
वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप
उनकी इन्हीं उपलब्धियों के कारण 18 साल की उम्र में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया 1996 में उन्होंने अरोड़ा जी से शादी कर ली उनका एक लड़का भी है जिसका नाम अखिल है सन 2000 में वह पहली बार FIDE वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीत गए| वे टाइटल पाने वाले को पहले इंडियन थे और जैसा कि मैंने पहले भी बताया था इसके बाद अगली बार 2007 में जीते और 2012 तक लगातार जीतने के कारण वह वर्ल्ड चैंपियन बने रहें| जिस तरह क्रिकेट के कई फॉर्मेट होते हैं उसी तरह चेंज के भी कई फॉर्मेट होते हैं हर फॉर्मेट में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतने वाले वह पहले भारतीय हैं उनकी उपलब्धियां हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है|
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