Thomas Alva Edison Biography in Hindi
थॉमस एल्वा एडिसन की जीवनी
थॉमस एल्वा एडिसन का नाम | थॉमस अल्वा एडीसन |
थॉमस एल्वा एडिसन का जन्म व जन्मस्थान | 11 फ़रवरी 1847 – मिलन,
ऑहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका में |
थॉमस एल्वा एडिसन के पिता | सैमुअल ऑग्डेन एडिसन |
थॉमस एल्वा एडिसन की माता | नैंसी मैथ्यु इलियट |
थॉमस एल्वा एडिसन की मृत्यु | अक्टूबर 18, 1931 ( उम्र 84 वर्ष ) |
थॉमस एल्वा एडिसन की राष्ट्रीयता | अमेरिकी |
थॉमस एल्वा एडिसन का व्यवसाय | आविष्कारक, व्यापारी |
थॉमस एल्वा एडिसन के संबंधी | लुईस मिलर ( ससुर ) |
थॉमस एल्वा एडिसन की धार्मिक मान्यता | देववादी |
थॉमस एल्वा एडिसन की शादी, वीवी व बच्चे | (Wife Name)
( बच्चे )
|
थॉमस के द्वारा की गई खोजें व महान अविष्कारों की सूची
- इलैक्ट्रिक बल्ब
- ग्रामोफोन
- इलेक्ट्रॉनिक वोट रिकॉर्डर
- फोनोग्राम
- बैट्रीज़
- कीनेटोस्कोप
- इलेक्ट्रिक ट्रेन
विचार :
• व्यस्त होने का मतलब हकीकत में हमेशा काम होना नहीं है.
• अगर हम हर वो चीज कर दें जो हम कर सकते है तो सचमुच हम खुद को आश्चर्यचकित कर देंगे.
• आविष्कार करने के लिए आपको एक अच्छी कल्पना और कूड़े के ढेर की जरूरत होती है.
• मुझे आप पूर्ण रूप से कोई संतुष्ट व्यक्ति दिखाइए और मैं आपको एक असफल व्यक्ति दिखा दूंगा.
• जीवन में असफल व्यक्तियों में कई वे लोग होते हैं जिन्हें इस बात का पता नहीं होता कि जब उन्होंने हार मानी तो उस समय वे सफलता के कितने करीब थे.
• आप जो भी हैं वो आपके काम में दिखेगा.
• हम किसी चीज के बारे में 1% के दस लाखवें हिस्से के बराबर भी नहीं जानते है.
• 5 प्रतिशत लोग सोचते हैं, 10 प्रतिशत लोग सोचते हैं कि वे सोचते हैं और बाकी के 85 प्रतिशत लोग सोचने से ज्यादा मरना पसंद करते हैं.
• मुझे अपनी सबसे बड़ी ख़ुशी और अपना इनाम उस काम में मिल जाता है. जिसे पूरी दुनिया सफलता कहती है.
• मैं पहले यह पता करता हूँ कि दुनिया को क्या चाहिए. फिर मैं उसकी ओर कदम बढाता हूँ और उसका आविष्कार करने की कोशिश करता हूँ.
• हम बिजली को इतना सस्ता बना देंगे कि मोमबत्तियां केवल अमीर लोग जलाएंगे.
• लगभग हर व्यक्ति जो किसी विचार को विकसित करता है उस पर उस समय तक काम करता है जब तक वो असंभव न लगने लगे और तब वो निराश हो जाता है.
Thomas Alva Edison Biography in Hindi
थॉमस एल्वा एडिसन की जीवनी
“जिंदगी में ज्यादा तरह सफल लोग ऐसे होते हैं
जिन्हें पता ही नहीं होता कि जिस वक्त उन्होंने उस काम को छोड़ा था
उस वक्त तो सफलता के कितने करीब थे”
आज हम बात करने जा रहे हैं उस साइंटिस्ट के बारे में जिस के आविष्कारों के बिना दुनिया वैसी बिल्कुल ना होती जैसी आज दिखती है रात होती है जो रोशनी हमारे चारों तरफ दिखाई देती है उसकी तकनीक विकसित करने वाले बिजली के बल्ब के आविष्कारक थे थॉमस अल्वा एडिसन | उन्होंने दुनिया की पहली इंडस्ट्रियल रिसर्च लैब बनाई थी इसके अलावा उन्होंने और भी महत्वपूर्ण आविष्कार किए थे जैसे
- मोशन कैमरा
- फोनोग्राफ
फोनोग्राफ – जिसमें आवाज रिकॉर्ड की जा सकती थी उनके नाम पर 1093 पेटेंट थे | तो चलिए, इन के बारे में शुरू से जानते हैं कि कभी ट्रेन में अखबारों सब्जियां बेचने वाले एडिशन इतने बड़े साइंटिस्ट कैसे बने पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े|
शिक्षा
थॉमस अल्वा एडिसन का जन्म अमेरिका ऑहियो के एक राज्यों के गांव मिलान में 11 फरवरी 1847 को हुआ था | वह अपने मां-बाप के साथ में और सबसे छोटे बच्चे थे | एडिशन को ज्यादातर शिक्षा उनकी मां ने ही दी थी और वह स्कूल बस कुछ ही महीने गए थे| बचपन में उन्हें एक बीमारी के कारण बुखार हुआ जिसके बाद उनके सुनने की शक्ति कम होती गई और बाद में बहुत कम हो गई |
टेलीग्राफ ऑपरेटर
आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वह बचपन में ट्रेन में अखबार और सब्जियां बेचा करते थे स्टेशन पर ही उन्होंने एक 3 साल के बच्चे की जान बचाई जिसके पिता स्टेशन एजेंट थे वो इनसे इतने खुश हुए कि उन्होंने एडिशन को रेलवे में टेलीग्राफ ऑपरेटर की नौकरी दे दी | नौकरी के साथ-साथ समय निकालकर पढ़ाई और एक्सपेरिमेंट भी किया करते थे | 19 साल की उम्र में उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी और फिर वेस्टर्न यूनियन कंपनी में नौकरी कर ली | जहां उन्होंने जानबूझकर रात्रि शिफ्ट की नौकरी ली ताकि वे नौकरी के साथ अपनी पढ़ाई भी कर सके, मगर एक दिन वो पकड़े गए और उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया|
जनरल इलेक्ट्रिक
इसके बाद एन्टेर्प्रेनॉर बन गए और उन्होंने एक-एक करके 14 कंपनियां खोली जिसमें से एक कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक आज के समय में दुनिया की सबसे बड़ी पब्लिक एस्टेट कंपनियों में से एक है | 25 दिसंबर 1871 को उन्होंने मैरी स्टिलवेल से शादी कर ली जिससे उनके तीन बच्चे थे | मगर 13 साल बाद एक 1884 में उनकी पत्नी की मौत हो गई जिसका कारण ब्रेन ट्यूमर माना जाता है हालांकि इसकी पुष्टि पूरी तरह नहीं हो पाई है 1886 में उन्होंने मीना मिलर से दूसरी शादी की उससे भी उनके तीन बच्चे हुए वैसे तो उन्होंने अपना रिसर्च का सफर 1869 में शुरू किया जब उन्हें पहला पेटेंट मिला था|
मशहूर
मगर पहली खोज जिसने उन्हें बहुत लोकप्रियता दिलाई वह 1877 में बनी फोनोग्राफ जिससे आप किसी की आवाज रिकॉर्ड कर सकते हैं जिसे आजकल रिकॉर्डर के नाम से जाना जाता है उस जमाने में जितनी नई खोज थी कि लोगों को लगता था कि यह कोई जादू है इस आविष्कार ने उन्हें बहुत मशहूर बना दिया और वह मेंलोपार्क के जादूगर के नाम से जाने जाने लगे क्योंकि मेंलोपार्क में 1876 में उन्होंने अपनी रिसर्च लैब बनाई थी|
बल्ब
1878 में उन्होंने इलेक्ट्रिक बल्ब बनाने की सोच के साथ अपना शोध शुरू किया उस समय गैस या तेल के लैंप चलन में थे | अक्टूबर 1879 को बल्ब का पहला सफल टेस्ट हुआ जो लगभग साढे 13 घंटे चला | नवंबर में उन्हें इसका भी पेटेंट मिल गया | पेटेंट मिलने के बाद भी वह डिजाइन में सुधार करते रहे और कुछ महीनों के बाद एक ऐसा बल्ब बना दिया जो 1200 घंटे तक चल सकता था|
मोशन कैमरा
31 दिसंबर 1879 को मेंलोपार्क में लोगों को बल्ब दिखाते हुए उन्होंने कहा था कि वह इसको इतना सस्ता बना देंगे कि सिर्फ अमीर लोगों के घर में ही कैंडल जलेगी | मोशन कैमरा या जिसे आप वीडियो कैमरा कह सकते हैं उसका पैटर्न भी एडमिशन के नाम पर है हालांकि उस पर उन्होंने थोड़ा ही काम किया था और उनकी लैब में उनके एम्पलाई डिक्सन ने सारे एक्सपेरिमेंट किए थे उसे काइनेटोग्राफ नाम दिया गया था | 1891 में एडिसन ने कैनेटोस्कोपे का आविष्कार किया | जिसमें एक आदमी झांककर वीडियो को देख सकता था इसके बाद छोटी-छोटी फिल्में बनाई जाने लगी और एडिशन फिल्म स्टूडियो ने लगभग 1200 शार्ट फिल्में बनाई|
स्मार्ट वर्क
दोस्तों निकोला टेस्ला की बायोग्राफी में मैंने आपको बताया था कि कैसे उन्होंने अपने पेटेंट से मिले पैसे खुद की रिसर्च में खर्च कर दिए और वह रोज 17 घंटे काम किया करते थे काम में कोई दिक्कत ना आए इसलिए उन्होंने शादी भी नहीं की एडिसन ने हार्ड वर्क तो किया ही और स्मार्ट वर्क भी बहुत किया जैसा कि अब तक आप समझ ही गए होंगे उन्होंने लैब बनाकर बहुत से साइंटिस्ट को नौकरी दी इसके अलावा उन्होंने कई कंपनियां खोली और हर तरफ से प्रॉफिट कमाने की तरकीब निकाली और कई तरह के सामान बेचे जैसे
- बल्ब और बल्ब लगाने के सामान
- टेलीग्राफ
- रबड़
इत्यादि
उन्होंने फ़िल्म्सटुडिओ भी खोला इसके अलावा उन्होंने बैटरी और माइनिंग के लिए भी कंपनी खोली जिसके कारण वे साइंटिस्ट के साथ साथ अच्छे बिजनेसमैन भी माने जाते हैं
उन्होंने एक बार कहा था कि:-
“अगर हम वो सारी चीजें कर ले
जिसकी हमारे अंदर क्षमता है
तो हम अपने आप से आश्चर्यचकित हो जाएंगे”
मृत्यु
अवार्ड और सम्मान तो उन्हें अभी भी मिल रहे हैं जैसे 2010 में उन्हें टेक्निकल ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया | बुढ़ापे में उन्हें डायबिटीज की शिकायत हो गई थी और 18 अक्टूबर 1931 को उनकी मृत्यु हो गई मगर जो उजाला उन्होंने दुनिया को दिया उसके कारण वह अमर हो गए|
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धन्यवाद ( OSP )