Javed Akhtar Biography in Hindi
जावेद अख्तर की जीवनी
जावेद अख्तर का जीवन परिचय |
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जावेद अख्तर का उपनाम / प्यार से पुकारे जाने वाला नाम | सभी जादू कहकर पुकारते थे| लम्हा लम्हा किसी जादू का फसाना होगा उनके पिता को इतनी पसंद थी कि बचपन में जावे जी का नाम जादू रख दिया| |
जावेद अख्तर का पेशा | गीतकार, पटकथा लेखक, कवि, आदि |
शारीरिक संरचना आदि ( लगभग ) |
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जावेद अख्तर की लम्बाई | 165 सेंटीमीटर में 1.65 मीटर में 5′ 5″ फीट इंच में |
जावेद अख्तर का वजन | 75 किलोग्राम में 165 पाउंड में |
जावेद अख्तर की आँखों का रंग | गहरे भूरे रंग |
जावेद अख्तर के बालों का रंग | सफ़ेद रंग |
व्यक्तिगत जीवन, आदि |
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जावेद अख्तर की जन्मतिथि | 17 जनवरी 1945 |
जावेद अख्तर की उम्र | 77 वर्ष ( 2022 में ) |
जावेद अख्तर का जन्मस्थान | ग्वालियर, ग्वालियर राज्य, मध्य भारत एजेंसी, ब्रिटिश भारत के समय में |
जावेद अख्तर की राशि | मकर राशि |
जावेद अख्तर की राष्ट्रीयता | भारतीय |
जावेद अख्तर का मूल स्थान निवास | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
जावेद अख्तर का विधालय | ज्ञात नहीं |
जावेद अख्तर का कॉलेज | सैफिया कॉलेज, भोपाल |
जावेद अख्तर की शैक्षिक योग्यता | कला में स्नातक |
जावेद अख्तर की शुरुवात |
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जावेद अख्तर की उपलब्धिया / पुरूस्कार / इनाम | • 1999 में, उन्हें पद्म श्री पुरस्कार मिला। • 2007 में, उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। • साज़ (1996), बॉर्डर (1997), गॉडमदर (1998), रिफ्यूजी (2000), और लगान (2001) सभी को फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ गीत (2001) के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। • 2013 में, अपनी कविता पुस्तक ‘लावा’ के लिए, उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) मिला, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान है। |
जावेद अख्तर का परिवार | पिता – Jan Nisar Akhtar (Songwriter & poet) माता – Safia Akhtar (Singer) भाई – Salman Akhtar, Shahid Akhtar बहन – Uneza Akhtar, Albina |
जावेद अख्तर का धर्म | नास्तिक |
जावेद अख्तर का पता | 702/सागर सम्राट, ग्रीन फील्ड रोड, जुहू के पास, मुंबई- 400049 |
जावेद अख्तर के शोक | क्रिकेट देखना |
जावेद अख्तर के विवादित विवाद | • जब पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग और पहलवान योगेश्वर दत्त ने 2016 में छात्रों और व्याख्याताओं पर एबीवीपी के हमलों का विरोध करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर का मजाक उड़ाया, तो जावेद अख्तर ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। कवि ने उपरोक्त एथलीटों को अपने एक ट्वीट में “मुश्किल से साक्षर” के रूप में संदर्भित किया।
• जब ब्रिटिश निर्देशक लेस्ली उडविन की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज डॉटर (निर्भया)’ रिलीज हुई, तो इसने काफी चर्चा छेड़ दी। पीड़िता के माता-पिता ने अधिकारियों से फिल्म के प्रकाशन को अवरुद्ध करने की मांग की क्योंकि इसमें अपराधियों में से एक के साथ एक साक्षात्कार शामिल था। नतीजतन, अधिकारियों ने विभाजनकारी फिल्म को गैरकानूनी घोषित करने में बहुत कम समय गंवाया। दूसरी ओर, जावेद अख्तर और कई प्रमुख सांसदों ने एक अलग दृष्टिकोण रखा। “अच्छा हुआ की डॉक्यूमेंट्री बनी, अब पता चलेगा कितने लोग हैं जो उस बलात्कारी जैसे सोचते हैं,” उन्होंने एक संसदीय सत्र में कहा, “यह अच्छा है कि यह फिल्म बनाई गई थी, यह खुलासा करेगी कि कितने लोग निर्भया की तरह विश्वास करते हैं बलात्कारी।” • 1 फरवरी 2021 को उन्होंने कंगना रनौत के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने 19 जुलाई 2020 को दिए एक साक्षात्कार के दौरान उनका नाम सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या मामले से जोड़ा। मुंबई मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने सुश्री रनौत को उनके आरोप के जवाब में 1 मार्च, 2021 को पेश होने का समन दिया। |
पसंदीदा चीजे , आदि |
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जावेद अख्तर की पसंदीदा कविता | मेरा सफर अली सरदार जाफरी द्वारा |
जावेद अख्तर के पसंदीदा कवि | कैफ़ी आज़मी, साहिर लुधयानवी |
जावेद अख्तर के पसंदीदा अभिनेता | दिलीप कुमार |
जावेद अख्तर का पसन्दीदा खाना | कबब्स, वैनिला आइस-क्रीम, आलू गोश्त का शोरबा, बिरयानी |
जावेद अख्तर का पसंदीदा खेल | क्रिकेट |
सम्बन्ध, आदि |
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जावेद अख्तर की वैवाहिक स्तिथि | विवाहित |
जावेद अख्तर के चक्कर / महिलामित्र / पत्नी / आदि | हनी ईरानी शबाना आज़मी |
जावेद अख्तर की पत्नी | हनी ईरानी, पूर्व पत्नी (पटकथा लेखक और निर्देशक)
शबाना आज़मी, अभिनेत्री (एम. 1984-वर्तमान) |
जावेद अख्तर की शादी की तारीख़ | 9 दिसंबर 1984 (शबाना आज़मी के साथ) |
जावेद अख्तर के बच्चे | बेटा- फरहान अख्तर (पहली पत्नी से बेटा) बेटी- जोया अख्तर, बड़ी (पहली पत्नी से बेटी) |
धनदौलत, आदि |
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जावेद अख्तर की दौलत | ज्ञात नहीं |
जावेद अख्तर: कुछ अल्पज्ञात तथ्य व रोचक जानकारियाँ ( Javed Akhtar Biography in Hindi )
- जावेद अख्तर शराब का सेवन नहीं करते (शराब के आदी हुआ करते थे)
- कम ही लोग जानते हैं कि जावेद अख्तर के माता-पिता ने उनके जन्म के समय उनका नाम “जादू” रखा था। “जादू” शब्द उनके पिता द्वारा लिखी गई एक कविता से लिया गया था। “लम्हा, लम्हा किसी जादू का फसाना होगा,” शब्द वाली पंक्ति कहती है।
- अख्तर का परिवार पीढ़ियों से कविता और गीतों का निर्माण करता आ रहा है। उनके दादा, मुज़्तर खैराबादी, और बड़े भाई, बिस्मिल खैराबादी भी कवि थे, और उनके पिता, जान निसार खान, एक प्रसिद्ध बॉलीवुड गीतकार थे।
- फजल-ए-हक खैराबादी, उनके परदादा, एक इस्लामी दार्शनिक और धर्मशास्त्री थे, जिन्होंने 1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- 1964 में, अख्तर बॉलीवुड में इसे महान बनाने के इरादे से मुंबई चले गए। दूसरी ओर, उसके पास छिपाने के लिए कहीं नहीं था। वह बिना भोजन के, पेड़ों के नीचे या गलियारों में सोते रहे, जब तक कि उन्हें जोगेश्वरी में कमाल अमरोही स्टूडियो में शरण नहीं मिली।
- सलीम खान और जावेद अख्तर, भविष्य की लेखन साझेदारी, फिल्म ‘सरहदी लुटेरा’ (1966) के सेट पर मिले, जहाँ सलीम एक अभिनेता थे और जावेद एक ‘क्लैपर बॉय’ थे। हालाँकि, जब निर्देशक को एक संवाद लेखक नहीं मिला, तो बाद वाले को बातचीत-लेखक की ‘स्थिति’ में पदोन्नत कर दिया गया।
- इसके तुरंत बाद, दोनों ने सहयोग करना शुरू कर दिया। जब सलीम खान सोच रहे थे और नई अवधारणाएं और कहानियां बना रहे थे, अख्तर संवाद तैयार कर रहे थे। दिलचस्प बात यह है कि अख्तर ने सभी संवाद उर्दू में लिखे थे, जिनका बाद में उनके एक सहयोगी ने हिंदी में अनुवाद किया। अपने अपरिहार्य विभाजन से पहले, उन्होंने 24 फिल्मों में सहयोग किया। 24 में से बीस फिल्में हिट रहीं, जिनमें 1975 की कल्ट मास्टरपीस शोले भी शामिल है।
- इस तथ्य के बावजूद कि वे 1982 में अलग हो गए, उनकी कुछ पटकथाओं को बाद में जमाना (1985) और मिस्टर इंडिया (1987) जैसी फिल्मों में बदल दिया गया।
- अख्तर और उनकी पहली पत्नी हनी ईरानी का एक ही जन्मदिन है, जो 17 जनवरी को है।
- अख्तर उर्दू कवि कैफ़ी आज़मी के घर अक्सर आते थे क्योंकि वह उनके काम में उनकी मदद करते थे। इन सत्रों के दौरान, अख्तर कवि की बेटी शबाना आज़मी के करीबी बन गए। अख्तर की तत्कालीन पत्नी हनी ईरानी को “विवाहेतर संबंध” के बारे में बताया गया और उन्हें छोड़ने का आदेश दिया। हालाँकि इस जोड़ी का 1984 में तलाक हो गया, लेकिन 1978 में वे अलग हो गए थे।
जावेद अख्तर को मिले पुरस्कार की सूची ( प्रमुख )
पदमश्री सम्मान | वर्ष 1999 में |
पद्मभूषण सम्मान | वर्ष 2007 में |
सम्मान :
फिल्मफेयर सर्वोकृष्ट गीतकार पुरस्कार |
वर्ष 1994 में “1942 ए लव स्टोरी” वर्ष 1996 में ‘पापा कहते हैं’ वर्ष 1997 में ‘बार्डर’ वर्ष 2000 में ‘रिफ्यूजी’ वर्ष 2001 में ‘लगान’ के सुन मितवा.. वर्ष 2003 में ‘कल हो ना हो’ वर्ष 2004 में ‘वीर जारा’ |
राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कार सम्मान | वर्ष 1996 में फ़िल्म ‘साज’ वर्ष 1997 में ‘बार्डर’ वर्ष 1998 में ‘गॉड मदर’ वर्ष 2000 में फ़िल्म ‘रिफ्यूजी’ वर्ष 2001 में फ़िल्म ‘लगान’ |
Javed Akhtar Biography in Hindi
जावेद अख्तर की जीवनी
“यह जो गहरे सन्नाटे हैं, वक्त ने सब को ही बांटे हैं
थोड़ा गम है सब का किस्सा थोड़ी, धूप है सबका हिस्सा
आंख तेरी बेकार ही नम है, हर पल एक नया मौसम है
क्यों तू ऐसे पल खोता है, दिल आखिर तू क्यों रोता है”
स्क्रिप्ट
आज हम बात करने जा रहे हैं मशहूर स्क्रीन्राइटर, लिरिसिस्ट, पोएट और फिर पॉलिटिशियन बने जावेद अख्तर जी के बारे में जिन्हें फिल्मों में जबरदस्त स्क्रिप्ट लिखने के कारण बॉलीवुड में एक अलग पहचान मिली है अमिताभ बच्चन जी की फिल्में जैसे:-
- जंजीर
- दीवार
- शोले
- और डॉन
जिन्होंने अमिताभ बच्चन जी को स्टार बनाया उनकी स्क्रिप्ट भी इन्हीं ने लिखी थी तो चलिए दोस्तों इन के बारे में शुरू से जानते हैं पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े |
कवि और गीतकार: जादू
दोस्तों जावेद जी का जन्म 17 जनवरी 1945 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था पोएट्री और लेखन तो जैसे इनके पूरे परिवार में था उनके पिता जानिसार अख्तर जी एक मशहूर कवि और गीतकार थे उनकी मां साफिया अख्तर जी भी सिंगर और लेखिका थी | उनकी दादा इफ्तिखार हुसैन जी बी मशहूर कवि और लेखक थे उनके पहले भी उनके खानदान में बड़े-बड़े कवि हुए थे | उनके पिता की एक कविता की लाइन थी लम्हा लम्हा किसी जादू का फसाना होगा उनके पिता को इतनी पसंद थी कि बचपन में जावे जी का नाम जादू रख दिया गया मगर बाद में लोगों को लगा कि जादू नाम उतना अच्छा नहीं रहेगा तो इसे बदलकर जावेद रख दिया गया जो जादू सबसे मिलता है|
फिल्मी दुनिया
कम उम्र में ही उनकी मां की मृत्यु हो गई और उनके पिता भी काफी व्यस्त रहते थे उन्होंने काफी समय अपने नाना नानी के घर और फिर अपनी मौसी के घर बिताया है पढ़ाई पूरी होने के बाद वह फिल्मी दुनिया में करियर बनाने मुंबई आए उस वक्त उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी क्योंकि उस समय के भारत में कवियों का नाम तो था पर उनके पास पैसे नहीं हुआ करते थे|
स्ट्रगल
बहुत समय स्ट्रगल करने के बाद उन्हें फिल्म डायरेक्टर कमाल अमरोही जीके काम मिला और धीरे-धीरे को अपने करियर में आगे बढ़ते गए | दोस्तों बाद जावेद अख्तर जी की हो और सलीम जी का नाम ना लिया जाए ऐसा नहीं हो सकता बॉलीवुड में सलीम जावेद जी की जोड़ी ने बहुत नाम कमाया है सलीम खान जी भी एक मशहूर राइटर रहे हैं वह फिल्मों के लिए कहानी लिखा करते थे और जावेद जी डायलॉग लिखते थे|
हाथी मेरे साथी
1970 में स्क्रिप्ट लिखने वालों को कोई खास महत्व नहीं दिया जाता था मगर सलीम जावेद जी की जोड़ी ने अपनी कुशलता से उनका महत्व बढ़ाया इनको पहला बड़ा ब्रेक देने का श्रेय राजेश खन्ना जी को जाता है जिन्होंने इन लोगों से फिल्म हाथी मेरे साथी के लिए स्क्रिप्ट लिखने को कहा था इस फिल्म का आईडिया राजेश जी को पसंद नहीं आ रहा था | मगर इसके लिए उन्हें अच्छे पैसे मिल रहे थे | जिसके लिए बेहतरीन स्क्रिप्ट लिखने की जिम्मेदारी उन्होंने सलीम जावेद जी की जोड़ी को दी उसके बाद उन लोगों ने एक-एक करके लगभग 24 फिल्मों में साथ काम किया जिनमें से 20 हिट रही | मगर कई साल तक साथ काम करने के बाद इनकी जोड़ी अलग हो गई|
एक्ट्रेस
पर्सनल जिंदगी में जावेद जी की शादी स्क्रीन राइटर और एक्ट्रेस हनी ईरानी जी से हुई जिनसे उनके दो बच्चे फरहान अख्तर और जोया अख्तर जी हैं पर्सनल दिक्कतों की वजह से बाद में इन दोनों का तलाक हो गया और फिर जावेद जी ने शबाना आजमी जी से शादी कर ली जो एक मशहूर एक्ट्रेस रही है अपने टैलेंट के कारण जावेद जी को कहीं फिल्म फेयर अवार्ड और नेशनल अवार्ड्स मिल चुके हैं|
सम्मानित
1999 में इन्हें पद्मश्री और 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था 2010 में इन्हें राज्यसभा सदस्य के लिए नामांकित किया गया यह उन 12 सदस्यों में से एक थे जिन्हें अपने क्षेत्र में एक्सीलेंस के कारण राष्ट्रपति के द्वारा चुना जाता है अपनी काबिलियत और संघर्षों के बल पर उन्होंने आज दुनिया भर में अपना नाम रोशन कर लिया
“क्यों डरे कि जिंदगी में क्या होगा
कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा”
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