PSYCHOLOGY: हमे सपने क्यों आते है? Hume sapne kyu aate hai?

Psychology: हमे सपने क्यों आते है? Hume Sapne Kyu Aate Hai?

PSYCHOLOGY: Hume sapne kyu aate hai?

हमे सपने क्यों आते है?

1900 की शुरुआत में मद्रास में रहने वाले मैथमेटिशियन श्रीनिवास रामानुजन ने एक के बाद एक कई ऐसे मैथमेटिकल फार्मूला उस को जन्म दिया जिन्हें उस टाइम पर इंपॉसिबल माना जाता था लोगों के पूछने पर उसने बताया कि उसके पास यह फोर्मुले उनके सपनों में आए 1905 में आइंस्टाइन ने बताया कि उसे अपनी थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी की इंस्पिरेशन उसके एक सपने से मिली और 1913 में नील्स बोर को अपने सपने में आइटम का स्ट्रक्चर पता लग गया था हमारे पास ऐसे जीनियस लोगों की हजारों कहानियां हैं जिन्होंने अपने सपने में कुछ देखा और उनके उस सपने ने इंसानियत का पूरा भविस्य ही बदल दिया|

Psychology: हमे सपने क्यों आते है? Hume Sapne Kyu Aate Hai?
Psychology: हमे सपने क्यों आते है? Hume Sapne Kyu Aate Hai?

सपने आखिर हैं क्या? और जो इंफॉर्मेशन के साथ स्टोरी हम सोते टाइम देखते हैं वह असल में कहां से आ रही होती है?

हिस्टॉरिकल एविडेंस बताता है कि सबसे पहला रिकॉर्ड ड्रीम 4,500 साल पुराना है और उस टाइम से लेकर अब तक लोगों का ड्रीम्स के प्रति व्यव्हार काफी बदल चुका है जहां पुराने जमाने के लोग अपने सपनों को अपने पूर्वजों की नॉलेज समझते थे वही मॉडर्न साइंटिस्ट इन्हें बस दिमाग में होने वाली कुछ रेंडम एक्टिविटी समझते हैं पर अगर आप ध्यान से अपने ड्रीम को  ( सपनो को ) एनालाइज करो तो आप ही समझ जाओगे कि ड्रीम्स रेंडम ( कुछ भी व कही से भी अपने आप ) बिल्कुल नहीं होते और यहां से शुरू होता है साइकोलॉजि का काम

क्युकी 1899 सिगमंड फ्रायड ने अपनी बुक इंटरप्रिटेशन ऑफ ड्रीम्स में बताया कि हमारे ड्रीम्स हमारी इच्छा पूरी करने के लिए होते हैं जैसे की :-

आपकी एक सबकॉन्शियस सेक्सुअल फेंटेसी जो असली लाइफ में पूरी नहीं हो सकती वह आपके ड्रीम्स पूरी कर देते हैं और यह काफी हद तक लॉजिकल साउंड करता है अगर हम इसे एवोल्यूशन के कांटेक्ट में देखे हैं यानी जिस तरह से हमारे हर एक्शन या बिहेवियर की बेसिक अंडर लाइन मोटिवेशन सक्सेसफुल रीप्रोडक्शन की मदद से अपनी स्पीशीज को कंटीन्यू रखना है वैसे ही हमारी ड्रीम्स भी हमारी सेक्सुअल जरूरतों के हिसाब से होते हैं पर सिगमंड फ्रायड यह  एक्सप्लेनेशन इन कंप्लीट है क्योंकि हर ड्रीम हमारी इच्छाओ से रिलेटेड नहीं होता

Psychology: हमे सपने क्यों आते है? Hume Sapne Kyu Aate Hai?
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  • कई बार हमें मरने का ड्रीम भी आ सकता है
  • कई बार कहीं से गिरने का
  • और कहीं बाहर एक नाइट मेयर ( बुरा सपना )

सिगमंड फ्रायड के रिस्तेदार कार्लिओ ने अपनी थ्योरी में बोला की:-

सबसे पहले तो हम जितना डीप अपने दिमाग को समझते हैं वह असल में उससे कहीं ज्यादा डीप ( गहरा ) है और हमारा दिमाग सिर्फ ( चेतन ) कॉन्शियस और सबकॉन्शियस ( अवचेतन ) में डिवाइड ही नहीं है बल्कि हमारे दिमाग में एक अनकॉन्शियस ( अचेत ) पाठ भी होता है जिसमें हमारे बचपन से लेकर अब तक की पर्सनल यादे और हमारे आंसेस्टर्स ( बुजुर्गो )  कि कलएक्टिव ( यादे ) होती हैं और सोते टाइम ( अवचेतन ) स्टेट में होने की वजह से हम अपने अनकॉन्शियस माइंड ( अचेत ) को एक्सेस कर पाते हैं|

सपनो की भाषा

हमारे दिमाग का यह हिस्सा

  1. आर्ट 
  2. हिस्ट्री
  3. दर्शनशास्र
  4. मिथोलॉजी
  5. कल्चर
  6. ट्रेडीशन
  7. रिचुअल्स
  8. और सिंबल

से भरा हुआ है और तभी हमारे ड्रीम्स

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  1. हिंदी
  2. इंग्लिश
  3. उर्दू
  4. जापानी
  5. चिनी
  6. या स्पेनिश 

जैसी लैंग्वेज में नहीं बल्कि सिंबॉलिक इमेज इसकी लैंग्वेज में बात करते हैं हमारा दिमाग इन इमेजेस को यूज करता है उस इंफॉर्मेशन को सचेत मनतक पहुंचाने के लिए जो हमें किसी मुश्किल से बाहर निकाल सकती हैं

मान लीजिये – आप एक ( जहरीले रिश्ते ) टॉक्सिक रिलेशनशिप में हो और आपको समझ नहीं आ रहा कि आप उस इंसान को कैसे दूर कर सकते हो?

तो चांसेस हैं कि आपका ( अचेत ) अनकॉन्शियस माइंड आपके ड्रीम में आप को सांप जैसा कोई क्रीचर दिखाएं क्योंकि ज्यादातर कल्चर में सांप टाक्सीसिटी, ट्रांसफॉरमेशन, या चाओस को  ( कर, परिवर्तन या अराजकता ) व्यक्त करता है या शायद आपको एक पूरी स्टोरी दिखे जिसकी मदद से आप को यह समझा जाए कि आपको रियल लाइफ में इस नई नॉलेज को कैसे यूज करना है हमारा दिमाग हमें वह चीज दिखाने की कोशिश करता है जो अभी तक हमें समझ नहीं आई है इसे हम एक तरह का अनकॉन्शियस रिस्पांस समझ सकते हैं अपनी कॉन्शियस स्टेट के लिए चुकी हमारा अनकॉन्शियस माइंड कॉन्शियस माइंड की तरह मॉडर्न नहीं है और शब्द उसकी प्रायोरिटी नहीं है वो एक पॉलिटिकल इमोशन का सबसे करीबी सिंबल्स यूज करता है|

Psychology: हमे सपने क्यों आते है? Hume Sapne Kyu Aate Hai?
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जैसे – अगर आप अपनी जॉब स्कूल या कॉलेज को नफरत करते हो और आपको समझ नहीं आ रहा कि आप अपनी लाइफ के साथ क्या कर रहे हो? तो आपका ड्रीम इस इमोशन को कई अलग सिंबल्स के थ्रू एक्सप्रेस कर सकता है

जैसे

  • एक जंगल में गुम होना
  • एक अंधेरे रास्ते पर चलना
  • या फिर अपनी आंखें खो देना

तीनों सिंबॉल्स एक ही मैसेज देना चाहते हैं कि आपको नहीं पता कि आप क्या कर रहे हो और शायद आपको अपनी चॉइस इसके बारे में दोबारा सोचना चाहिए जितना आप अपने ड्रीम्स कि इस लैंग्वेज को समझने की कोशिश करोगे उतना ही आपके ड्रीम्स आप से बात करने की कोशिश करेंगे यह एक काफी अच्छा तरीका होता है सेल्फ अवेयरनेस हासिल करने का और अपनी नॉलेज की लिमिट स्कोर एक्सपेंड करने का|

सपने इतने बेतुके क्यों होते है?

ड्रीम्स की एक और क्वालिटी होती है उनकी वियर्डनेस ( अजीब पन ) यानी अगर इस आइडिया को एक्सेप्ट भी कर लेते हैं कि ड्रीम्स हमारी अपनी दुनिया की नॉलेज बढ़ाने का जरिया होते हैं तब भी शुरुआत में यह डाइजेस्ट करना बहुत मुश्किल होता है कि उनमें कोई सेंस भी है क्योंकि ड्रीम्स बिल्कुल इन लॉजिकल होते हैं इसीलिए अगर कोई दूसरों के आगे बोले कि:-

ओ मैंने अपने सपने में अपने आप को डूबते हुए देखा / पर जब मैं पानी के तल तक पहुंचा वहां पर मुझे एक खजाना मिला

और इस सपने से मुझे समझ आ गया कि अगर मैं अपनी मुश्किलों से दूर नहीं भाग लूंगा तो शायद मुझे उसका कुछ इनाम मिलेगा ऐसे इंसान को लोग पागल बोलेंगे पर कुछ टाइम बाद यही लोग सबसे ज्यादा सक्सेसफुल और समझदार बन जाते हैं और लोगों की यह ना समझी इसलिए एक्जिस्ट करती है क्योंकि उन्हें यह नहीं समझ आता कि ड्रीम्स में लॉजिक कम हो जाता है ताकि आपकी थिंकिंग लिमिट एक्सटेंड ( बढ़ ) सके और आपको दिखाए जाने वाले इन आईडिया को आप अपनी लाइफ में अप्लाई कर सको|

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सपनो को समझने का सही तरीका

अंत में हमें यह जानना बहुत जरूरी है कि ड्रीम्स को समझा कैसे जाए

1 ) सबसे पहले हमें ड्रीम्स का बेसिक रूल याद रखना है जो है – कि अगर कहीं चीजें सीन इमोशन जनरेट करती हैं तो वह सेम चीज ही हैं

  1. कई चीजें हमें खुश करती हैं
  2. कई चीजें हमें रुलाती है
  3. और कई चीजें हमें डराती हैं

2 ) दूसरी बात –  कभी भी अपने ड्रीम को लिटरली ( सच में ) लेने की कोशिश मत करना

  1. अपनी ड्रीम को ऐसे देखो जैसे आप एक मूवी या फिर एक स्टोरी को देखते हो
  2. यानी अगर आप अपने सपने में मर जाते हो तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप असली में भी मर जाओगे क्योंकि ड्रीम्स मेटाफोरस में बात करते हैं|
  3. जैसे एक स्टोरी को सुनकर आप उसके मोरल लेसन के बारे में सोचते हो वैसे ही ड्रीम्स के बारे में सोचो
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3 ) ड्रीम्स को समझने वाले के अंदर

  1. मिथोलोग्य
  2. और एवोल्यूशन साइकॉलजी की जनरल नॉलेज होना बहुत जरूरी है

वरना अगर आप गूगल पर रैंडम वेबसाइट पर अपने ड्रीम्स के मतलब देखना चालू करोगे तो आपको हर जगह नॉनसेंस इंफॉर्मेशन मिलेगी जो हर इंसान पर अप्लाई नहीं हो सकती

4 ) जब भी आप अपने ड्रीम का सही मतलब जान लेते हो

  1. तब कुदरती आपको ऐसा लगता है कि आपको एक अधूरी पजल का पीस मिल गया हो
  2. यानी शुरू में चाहे एक सपना अजीब और सेंसलेस लगे जब आप उसका सही मतलब निकालने में कामयाब हो जाते हो तब आपको इंस्टिंक्टिवली वह सही लगता है और यही सबसे बड़ा इंडिकेटर होता है यह जाने का कि हमने ड्रीम इंटरप्रिटेशन सही करी है या गलत
  3. अपनी पूरी जिंदगी में हम लोगों के एक्शंस में मिलने वाले कॉमन पेटर्न्स को देखते और समझते हैं और यह पैटर्न लाखों सालों के टाइम पीरियड में उभरने वाले बाकी पेटर्न्स के साथ मिलकर एक कलेक्टिव पैटर्न बनाते हैं और यही वह पैटर्न होता है जो हमें अपने सपनों में दिखता है|

धन्यवाद:- ( ONLINESTUDYPOINTS.COM )

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