अब सीधा बनना बंद करो – Ab Seedha Banna Band Karo

अब सीधा बनना बंद करो - Ab Seedha Banna Band Karo

अब सीधा बनना बंद करो

Ab Seedha Banna Band Karo

Stop Being Nice

साइकोलॉजी के हिसाब से नाइस ज्यादातर उस तरह के इंसान को बोला जाता है जो पर्सनैलिटी ट्रेट अग्रिएबरनेस में हाई स्कोर करता है ( व्यक्तित्व गुण नेतृत्व में उच्च स्कोर ) – ज्यादा एग्रीएबल ( सहमत ) होने का मतलब है कि एक इंसान हमेशा दूसरों को कंफर्टेबल और अच्छा फील कराने के चक्कर में खुद की जरूरतों को भूल जाता है और उसे पता ही नहीं होता कि उसकी खुद की इच्छाए क्या है इस तरह के लोगों के लिए दूसरों का अप्रूवल और उनकी नजर में एक्सेप्टेड फील करना इतना जरुरी होता है यह अपनी कमियों और गलतियों को भी छुपाते हैं ताकि यह दूसरों की नजर में बुरे ना बन जाए|  इसके साथ ही एक नाइस इंसान अपनी इमोशंस को दूसरों की इमोशनल स्टेट के लेवल पर ले आता है ताकि  वह अपनी लॉयल्टी और केयर दिखा सके | जिस वजह से उसकी खुशी दूसरों पर डिपेंडेंट होती है और उसकी यह इमोशनल इम मेच्योरिटी उसे दूसरों की नजर में बहुत अनरिलायबल ( अविश्वसनीय ) बनाती है क्योंकि एक क्राइसिस ( संकट ) के समय पर जितने डरे हुए या दुखी दूसरे लोग होंगे उतना ही दुखी इंसान भी होगा | ऊपर से इस तरह के सीधे लोगों पर विश्वास करना भी इतना मुश्किल होता है कि-

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अच्छे बनने के चक्कर में ही आपकी सारी बातें और आपके सारे सीक्रेट जरा सा दबाव बनाने पर किसी के आगे भी बोल देते हैं ताकि किसी भी इंसान की नजर में बुरे ना बन जाए और इनको कोई रिजेक्ट न कर दे और नाइस लोगों का यही अप्रूवल सीकिंग ( स्वीकृति की मांग ) व्यवहार उन्हें एक काफी आसान टारगेट बनाता है|

जैसे अगर आप भी एक हद तक काफी सीधे हो तो आपको जॉब में अपनी सैलरी नेगोशिएट करने में बहुत मुश्किल होगी और चांसेस है कि आप को कम सैलरी लेने के लिए कन्वेंस कर दिया जाएगा और आप उसे अनफेयर मानने के बावजूद भी एक्सेप्ट कर लोगे लेकिन बाद में अपने डिसीजन को रिग्रेट करोगे ( पछताओगे )

ऐसे ही अगर आपको कोई इंसान रिलेशनशिप या बिजनेस में धोखा देता है तो कोई दूसरा इंसान जो अग्रिएबरनेस में कम स्कोर करता है और स्टैंड लेने यानी के विरोध करने से नहीं डरता वह सीधा सीधा धोखा देने वाले इंसान के पास जाएगा और उसको अपना गुस्सा ज्यादा जाता कर उससे सफाई मांगेगा|

जबकि एक सीधा इंसान चाहे वह लड़का हो या एक लड़की को अपने आप को ज्यादा कोसेगा और गलती करने वाले के आगे अपने इमोशंस को दबा लेगा | ज्यादातर केस में यह व्यवहार ट्रेट ( लक्षण ) को देखा जा सकता है एक इंसान के बचपन तक | क्योंकि हमारी पूरी पर्सनालिटी और उससे जुड़ा हर व्यव्हार हमारे बचपन के अनुभवों से ही सीख लेते हैं और तभी अगर एक इंसान को बचपन में प्रॉपर अटेंशन और जरूरी प्यार नहीं मिला था या फिर उसके माता पिता एक या दोनों अपनी मजबूरियों की वजह से अपने बच्चे को इतना टाइम नहीं दे पाए थे| और उन्होंने उसके साथ ज्यादा खेला नहीं हो वह बच्चा लो सेल्फ स्टीम ( आत्म सम्मान ) और एक ( स्वीकृति की मांग ) अप्रूवल सीकिंग व्यवहार पैदा कर लेगा और यह सोचेगा कि उसमें कोई कमी है जिसकी वजह से उसके पेरेंट्स उसे उतना टाइम नहीं देते और इस बच्चे का यह व्यवहार बड़े होने के बाद भी इसको यही बोलता है कि अगर इसे दूसरों का प्यार या शाबाशी चाहिए तो इसे उनकी हर बात में हां में हां मिला नहीं होगी और अपनी जरूरतों को इग्नोर करके दूसरों की जरूरतों को पूरा करना होगा यही रीजन है कि क्यों हमें अपने सीढेपन को खत्म करना होगा|

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 अब सीधा बनना बंद करो – Ab Seedha Banna Band Karo 

इसके 5 स्टेप्स होते हैं| 

  • Express your feelings and tell the truth

  • अपनी फीलिंग्स को एक्सप्रेस करो और सच बोलो

यह फैक्ट है कि बहुत सी बातें काफी कठोर होती है लेकिन ऐसी बहुत सी कठोर बातें सच भी होती है और उन्हें बोलना जरूरी होता है बिना किसी को नीचा करें सच बोलना नामुमकिन है और यह एक बेकार तरीका होता है दूसरों का अपमान हो जाए – के डर से ज्यादातर लोग अपने सच को दबाना सही मानते हैं यह चीज कुछ समय के लिए तो शांति बनाए रखने में कामयाब रहती है लेकिन मीडियम से लॉन्ग टर्म में आपका वही दबा हुआ सच आपको वापस से आकर सताने लगता है क्योंकि हर इंसान की लाइफ में कई प्रॉब्लम ऐसी होती हैं जिनको डिस्कस और सामना करें बिना वह दूर नहीं जानती एक

  • Learn to give yourself time

  • अपने आप को टाइम देना सीखो

ज्यादातर लोग अपना टाइम और एनर्जी दूसरों पर खर्च कर देते हैं और अपनी जरूरतों और इच्छाओ इग्नोर कर देते हैं जहां दूसरों की केयर करना और उन्हें अच्छा फील कराना एक बहुत अच्छी आदत हो सकती है वही दूसरों की मदद करना अपनी ग्रोथ और खुशी के एक्सपेंस पर यह गलत है इसका मतलब यह नहीं है कि आपको पूरी तरह से सेल्फिश ( मतलबी ) बन जाना है बल्कि इसका मतलब है कि आपको यह पता होना चाहिए कि आपको कब अपनी जरूरतों को प्राइवेटाइज करना है ताकि आप इमोशनली और फिजिकली एग्जास्टेड ( थका हुआ ) न फील करो

  • Learn to make borders and not to speak

  • बॉउंड्रीज़ बनाना और ना बोलना सीखो

यानी उन चीजों के लिए हामी मत भरो जिनमे आप यकीन नहीं करते या फिर आप उन्हें करना नहीं चाहते|  यह डिसिशन दूसरों के हाथ में मत छोड़ा करो कि आपका टाइम आप को कैसे यूज़ करना चाहिए बल्कि अपने टाइम की वैल्यू खुद समझो और वह बोलो जिसमें आप बिलीव करते हो और उसको जब आप ऐसी सिचुएशन में होते हो तो आपको हमेशा यह डर जरूर लगेगा कि आप ना बोलकर या किसी से डिसएग्रीमेंट दिखा कर अपने रिश्ते खत्म ना कर लो | पर अगर आप चाहते हो कि आपको लोग यूज ना करें और आपके साथ सिर्फ अपना मतलब निकालने के लिए ना रहे तो आपको अपनी बाउंड्रीज बनानी ही पड़ेगी|

  • Work on increasing your self worth

  • अपनी सेल्फ वर्थ को बढ़ाने पर काम करो

सेल्फ वर्थ का मतलब कि हम अपने आप को कितना वैल्युएबल और डिजर्विंग समझते हैं क्योंकि ज्यादातर सीधे लोग ऐसे होते हैं जो कभी भी अपने हक के लिए खड़े ही नहीं होते हैं वह अपने हिस्से की चीज भी दूसरों को दे देते हैं और बाद में अपने आप को कोसते हैं इसलिए अपनी self-esteem पर काम करो जो आपके डर और इनसिक्योरिटीज को बढ़ाती है जिससे आप दूसरों की मर्ज़ी लेते हो और अपने आपको एक्सटर्नली वैलिडेट ( बाहरी रूप से मान्य है ) करने की कोशिश करते हो ताकि आपको यह लगे कि आप भी मायने रखते हो इसलिए अपने सबसे ट्रू सेल्फ की तरफ बढ़ो यानी वह काम करो जो आपके लिए बहुत ही ज्यादा मीनिंग फुल ( ज़रूरी और मतलब का काम ) है|

  • Meditate on your anger and bitterness

  • अपने गुस्से और कड़वाहट पर मेडिटेट करो

सीधे लोग ऊपर से तो काफी शांत और खुश लगते हैं लेकिन जब भी वह अपने आप से झूठ बोलकर कुछ ऐसा काम करते हैं जिसे बोल नहीं करना चाहते तब वह अंदर ही अंदर गुस्से और नाराजगी को जबरदस्ती दबा रहे होते हैं ताकि ये इमोशंस बाहर ना आ जाए और इससे उनके रिलेशनशिप्स खराब ना हो जाए इस तरह से अपने अंदर इंटॉक्सिक इमोशंस ( नशीली भावनाएँ ) को इकट्ठे करे रखना एक इंसान को हर समय अंदर से ही जला रहा होता है इसलिए अगर आप अपने सीधा पन को खत्म करना चाहते हो और इमोशनली यह मेंटली स्ट्रांग बनना चाहते हो तो अपने गुस्से या कड़वाहट को इंट्रोस्पेक्शन यह मेडिटेशन की मदद से रिवर्स इंजीनियर करना शुरू करो अपने आप से पूछो कि आपका यह गुस्सा एक्जेक्टली कहां से आ रहा है और आपको इससे दूसरे लोगों के बारे में क्या समझ आता है

धन्यवाद:- ( study material )

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