(Complete Notes) CTET Evs Ncert Notes In Hindi Pdf Download

CTET Evs Ncert Notes In Hindi Pdf Download (Marathon Pdf)

आज के इस आर्टिकल में हम आपको सम्पूर्ण नोट्स देंगे (Complete) CTET Evs Ncert Notes In Hindi Pdf Download आप इन नोट्स को पीडीऍफ़ के फॉर्मेट में भी डाउनलोड कर सकते हो वो भी एक क्लीक में, आर्टिकल के अंत में डाउनलोड का बटन दिया गया है आप वह से डाउनलोड कर सकते हो | अगर आपको NCERT डाउनलोड करनी है तो उसका भी लिंक नीचे दिया गया है | अगर आपने ये कम्पलीट नोट्स पढ़ लिए तब आपको परीक्षा में  पास होने से कोई नहीं रोख सकता | इससे बहार कुछ नहीं आएगा और यही नोट्स यूटूबर पैसो में देते है लेकिन हम आपको यह नोट्स फ्री में दे रहे है |

Ctet-Evs-Ncert-Notes-In-Hindi-Pdf-Download
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फूलों के बारे में ( About Flowers )

आपने कई प्रकार के फूल देखे होंगे, सभी फूलों की अपनी-अपनी खूबी होती है और सभी के अलग-अलग रंग होते हैं  कुछ फूल पानी के अंदर उठते हैं कुछ फूल झाड़ियों में उगते हैं कुछ फुल औषधि का भी काम करते हैं कुछ फूल मौसम के अनुसार अपना रंग बदलते हैं कुछ फूल कांटेदार होते हैं और कुछ फूल बेल पर लगते हैं तो चलिए जानते हैं इन फूलों के बारे में |

फूलों के बारे में

पेड़ों पर लगने वाले फूल गुलमोहर, पलाश
जो पानी के पौधे पर उगते हैं कमल, कुमुदनी
जो फूल झाड़ियों पर लगते हैं गुलाब, बेला
जो फूल बेल पर लगते हैं चंपा, रातरानी
जो फूल साल भर खिलते  हैं गुलाब, उड़हल
जो फूल किसी खास महीने में ही लगते हैं गेंदा, डालिया (अक्टूबर – फरवरी)
जो फूल सिर्फ रात में खेलते हैं रातरानी, हरसिंगार
जो फूल दिन में खेलते हैं और रात में बंद हो जाते हैं कमल, सूरजमुखी
वह फूल जिनको आंखें बंद करके भी खुशबू द्वारा पहचाना जा सकता है गुलाब, बेला
वह फूल जिनके इस्तेमाल से दवाइयां बनाई जाती हैं गुलाब, गुड़हल

 

  • गुलाब के फूल को औषधि के रूप में भी प्रयोग में लिया जाता है |
  • गुलाब त्वचा के लिए भी बहुत लाभदायक होता है यदि गुलाब जल में ग्लिसरीन और नींबू का रस मिला दिया और इस मिक्सचर को अपनी त्वचा पर लगाते हैं और अगर त्वचा में कहीं रूखापन है तो इस मिक्सचर की सहायता से उस रूखेपन को दूर किया जा सकता है | इससे त्वचा कोमल हो जाती है |

वहीदा प्रिज्म खान (Wahida Prizm Khan )

  • लेफ्टिनेंट कमांडर वहीदा प्रिज्म खान भारतीय नौसेना में एक डॉक्टर है और नौसेना के समुद्री जहाज पर काम करने वाली गिनी चुनी महिलाओं में से एक है |
  • यह एक ऐसी पहली महिला हैं जिन्होंने एक पूरी परेड की कमान संभाली थी और किसी भी सेना में यह बहुत बड़ी बात मानी जाती है
  • इनके गांव का नाम थन्नामंडी है जो कि जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में स्थित है |

पोस्टल कोड  ( Postal Code )

पोस्टल कोड को हम ज़िप कोड (zip code) और (Pin code) पिन कोड भी कहते हैं|  इंडियन पिन कोड नंबर का जन्म 15 अगस्त 1972 को हुआ था |

Zip का फुल फॉर्म : Zone Improvement Plan है |

Pin का फुल फॉर्म : Postal Index Number है |

पिन कोड यानी के पोस्टल कोड 6 डिजिट का एक यूनिट नंबर होता है और 16 अंक के नंबर में पूरे एरिया की जानकारी छुपी होती है उन्हीं अंको से हमें पता चलता है कि इस पोस्टकार्ड को कहां भेजना है|

  1. पहला अंक क्षेत्रों में से एक को इंगित करता है।
  2. दूसरा अंक उप क्षेत्र या पोस्टल सर्कल (राज्यों) में से एक को इंगित करता है।
  3. तीसरा अंक छँटाई / राजस्व जिले को दर्शाता है।
  4. अंतिम 3 अंक वितरण डाकघर को संदर्भित करते हैं।

कबड्डी (kabaddi)

  • कबड्डी खुले मैदान में दो टीमों के बीच खेला जाने वाला एक प्रमुख खेल है इसमें एक टीम में कुल 12 खिलाड़ी होते हैं खेलते समय सात खिलाड़ी प्रत्येक टीम में खेलते हैं और 5 खिलाड़ी अतिरिक्त होते हैं जब भी कोई खिलाड़ी घायल होता है तो उसकी जगह इन अतिरिक्त खिलाड़ियों में से वहां भेज दिया जाता है और फिर वह उसकी जगह खेलता है |
  • कबड्डी खेल 15 -15 मिनट की दो पारियों में होता है और दोनों पालियों के बीच 5 मिनट का इंटरवल (मध्यावकाश) होता है |
  • कबड्डी खेल का मैदान 11 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा आयतकार रूप का होता है यह दो बराबर भागों में बटा होता है |

कबड्डी खेल के अंदर निम्नलिखित लाइनें होती है –

  • बाउंड्री लाइंस (Boundry Lines)
  • प्ले एरिया लाइंस (Play area Lines)
  • मिडलाइन (Mid Line)
  • बोनस लाइन (Bonus Lines)
  • बोलक लाइन (Baulk Lines)

यह सभी कबड्डी Lines खेल से संबंधित है

पत्ते

  • पत्ते रूएदार होते है , पत्ते हाथी के कान जैसे होते है , कटे-फटे जैसे होते हैं
  • नींबू आम नीम तुलसी पुदीना हरा धनिया आदि इन सभी में पत्ते होते हैं
  • विष्णु चिंचालकर जी, जो कि मध्य प्रदेश के इंदौर में रहते थे | इनकी खास बात यह है कि यह सूखे पत्तों से बढ़िया-बढ़िया चित्र बनाते थे

अमरूद (guava)

  • अमरूद के पत्ते छोटे और खुरदरे होते हैं
  • अमरूद के पेड़ पर फूल लगते हैं
  • अमरूद के पत्तों को चबाने से दांत ठीक रहते हैं
  • अमरूद के पत्तों में विटामिन C पाया जाता है

जानवरों का शिकार

  • हाथी का शिकार उसके दांतो के लिए किया जाता है |
  • गेंडे का शिकार उसके सिंग के लिए क्या जाता है |
  • शेर का शिकार, मगरमच्छ का शिकार और सांप का शिकार उनकी खाल के लिए किया जाता है उनकी खाल से अनेक प्रकार की वस्तुएं बनाई जाती हैं और फिर उन्हें बाजार में बेचा जाता है |
  • कस्तूरी हिरण को उसकी थोड़ी सी खुशबू के लिए मारा जाता है और उस खुशबू से इत्र (सेंट) बनाया जाता है |
  • जानवरों को मारने वाले लोगों को शिकारी कहते हैं |
  • चट्टान पर 90 डिग्री का कोण बनाते हुए चला जा सकता है |
  • पहाड़ से उतरने को रैटलिंग कहते हैं |

आम

  • आम के गूदे में गुड़ और चीनी मिलाकर आम पापड़ (मामिडी तान्ड्रा) बनाया जाता है |
  • किसी भी प्रकार का अचार रखने से पहले वर्तनी को या फिर शीशी को धूप में सुखाया जाता है ताकि शीशी में नमी ना रहे और सारी नमी निकल जाए अगर सीसी में थोड़ी भी भी नमी रह जाती है तो अचार सड़ जाएगा |
  • अगर आपसे कोई पूछे कि आपको बहुत सारे आम दे दिए जाएं तो आप उनको एक साल तक कैसे खाओगे – तो उसका उत्तर है कि आप आम को अचार बनाकर रख सकते हैं आप आम का आम पापड़, चटनी, टॉफी या फिर रस आदि कई प्रकार की चीजें बनाकर रख सकते हैं |

बेड

  • किसी भी ब्रेड या अन्य उत्पादन के पैकेट पर दी गई जानकारी से हमें उस सामान के बनने की तिथि तथा उसके मूल्य का पता चलता है पैकेट से उस सामान को कब तक इस्तेमाल कर सकते हैं उसमें यह भी लिखा होता है उस में इस्तेमाल हुई सामग्री और सामान के वजन के बारे में भी लिखा होता है इसलिए जागरूक नागरिक बनिए और कुछ भी सामान खरीदने से पहले उसके पैकेट को पढ़िए |
  • ब्रेड पर फफूंदी ब्रेड के सड़ने के कारण आती है यदि ब्रेड ऐसे ही रखा रहा और हवा के संपर्क में रहा है तो वह ब्रेड खराब हो सकता है उसमें फफूंदी लग सकती है हवा में फफूंदी के जीवाणु तैरते रहते हैं जो हवा के साथ ब्रेड पर आ जाते हैं यदि ब्रेड आधा खराब हो जाए तो उसे तोड़ कर ना खाएं क्योंकि वह पूरा ब्रेड ही खराब हो चुका है |

NCF-2005 के अनुसार कक्षा 3 से लेकर 5 तक के पर्यावरण अध्ययन को छह थीमों में विभाजित किया गया है 6 थीम्स निम्नलिखित हैं –

  1. परिवार एवं मित्र (Family and Friends)
  2. भोजन (Food)
  3. पानी (Water)
  4. आवास (Shelter)
  5. यात्रा (Travel)
  6. चीजें जो हम बनाते हैं और करते हैं (Thingh we make and do)

Sub Theme

  • Family and friends – Relation ship, Work and Play, Animals, Plants
  • Food – Tasting, Digesting, Cooking, Preserving Technique, Farmer and Hunger

हाथी

  • हाथी को पानी में और कीचड़ में खेलना बहुत पसंद है इससे उसके शरीर को ठंडक मिलती है और गर्मी से राहत मिलती है |
  • हाथी के कान पंखे जैसे होते हैं गर्मी लगने पर हाथी अपने काम को हिलाता है और फिर उसे हवा कर लेता है |
  • 3 महीने का हाथी लगभग 200 किलोग्राम वजन का होता है |
  • एक बड़ा हाथी दिन में लगभग 100 किलोग्राम से ज्यादा पत्ते और झाड़ियां खा लेता है |
  • हाथी बहुत कम आराम करता है और 1 दिन में केवल 2 से 4 घंटे तक सोता है |
  • हाथी परेशानी आने पर एक दूसरे की मदद करते हैं |
  • एक झुंड में 10 या 12 हथिनी और बाकी बच्चे होते हैं |
  • झुंड की सबसे बुजुर्ग हथनी की पूरी झुण्ड की नेता होती है और वही झुण्ड का नेतृत्व करती है |
  • जब हाथी 15 से 14 साल तक का हो जाता है तब वह हाथी |
  • उस झुंड में नहीं रहता है और झुंड को छोड़कर चला जाता है |

पक्षी (Bird)

  • बसंत गौरी नाम की यह चिड़िया गर्मियों में टुकटुक करती रहती है टुकटुक करने से पेड़ में छेद हो जाता है और पेड़ के तने में गहरा छेद बनाकर उसमें अंडे रखती है |

शक्कर खोरा ( Sun Bird)

  • शक्कर खोरा किसी छोटे पेड़ या झाड़ी की डाली पर अपना लटकता हो घोंसला बनाती है
  • इसका घोंसला बालों से, मकड़ी के जालों से, पतली टहनियों, घास, सूखे पत्ते, रुई, पेड़ की छाल के टुकड़े और कपड़ों के चीथड़ों से बना होता है |

दर्जिन चिड़िया (Tailor Bird)

  • दर्जिन चिड़िया अपनी नुकीली चोंच से पत्तों को सी लेती है और उनसे एक थैली सी बना लेती है जिससे पत्ता घोसले की तरह बंद सा हो जाता है और उसमें अंडे दे देती है

चील बाज और गिद्ध (Kites, Eagles, Vulture)

  • चील बाज और गीत हम से 4 गुना अधिक दूर तक देख सकते हैं चील की पूंछ खांचे वाली होती है जिसमें बहुत से खांचे होते हैं |
  • जमीन पर पड़ी हुई कोई चीज किसी चील को 1 से 2 किलोमीटर की दूरी से दिखाई दे जाती है मान लीजिए कि किसी बिल्डिंग पर बैठी है तो वह वहां से एक चींटी को देख सकती है जो कि धरती पर चल रही होती है |
  • गिद्ध मरे हुए जानवरों को खा कर जगह को साफ कर देता है और आकाश में ऊंचाई पर काफी समय तक उड़ता है |

नर वीवर पक्षी (Male Weaver Bird)

  • नरवी वीवर पक्षी अपने अपने घोंसले बनाते हैं मादा वीवर पक्षी उन सभी घोसलो को देखती है और फिर उनमें से जो घोंसला सबसे ज्यादा पसंद आता है उसमें ही वह अंडे देती है

फाख्ता (dove)

  • फाख्ता कैक्टस, कांटो के बीच या मेहंदी की मेड में अपना घोंसला बनाती है | ऐसी जहा वह घोसला दुश्मनो से बचने के लिए बनाती है |

उल्लू (owl)

  • उल्लू अपनी गर्दन पीछे तक घुमा सकता है (360 डिग्री)

मैना (Myna)

  • मैना झटके से अपनी गर्दन आगे पीछे कर सकती है और मैना गुलाबी रंग के बच्चे देती है |

कलचिड़ी (Indian Robin)

  • कलचिड़िया पत्थरों के बीच अपना घोंसला बनाकर रहती है इनके घोसले में पौधों की नाजुक टहनी जड़े बाल रुई उन आदि सब बिछा रहता है
  • यह छोटे-छोटे कीड़े मकोड़े खाती है
  • इनकी चोंच अंदर से लाल रंग की होती है

कौवा (Srow)

  • कौवे के घोसले में लोहे के तार और लकड़ी की टहनिया जैसी चीजें भी होती हैं |
  • कौवा पेड़ की ऊंची डाल पर अपना घोंसला बनाता है |
  • कोई कोयल अपना घोंसला नहीं बनाती है वह कौवे के घोसले में अपना अंडा दे देती है जिसे कौवा अपना अंडा समझकर पालता है |

गौरैया (Sparrow)

  • गौरैया अलमारी के ऊपर या फिर आईने के पीछे अपना घोंसला बनाती है मतलब घर के आस-पास ही अपना घोसला बनाती है

कबूतर

  • कबूतर पुराने मकान या खंडहर में अपना घोंसला बनाते हैं |

सांप

हमारे देश में 4 तरीके के जहरीले सांप पाए जाते हैं जिनके नाम निम्नलिखित हैं |

  1. दुबोइया
  2. नाग
  3. करैत
  4. अफाई
  • सांप अपना जहर दांतो द्वारा छोड़ते है जब सांप किसी को काटता है तो उसके दो खोखले जहर वाले दांतो से उस व्यक्ति के शरीर में जहर चला जाता है |
  • यदि किसी व्यक्ति को सांप काट ले तो उस जहर से बचने के लिए उस व्यक्ति को सिरम नाम की दवाई दी जाती है जो सांप के जहर से बनाई जाती है |
  • सांप के दांत नुकीले होते हैं लेकिन वह अपने शिकार को चबाकर नहीं खाता बल्कि पूरा निकल जाता है और फिर आराम करता है जब तक उसका शिकार पच नहीं जाता |
  • सांप के बाहरी कान नहीं होते है वह सिर्फ जमीन पर हुई कंपन को ही सुन पाता है महसूस कर पाता है सपेरों को कालबेलिया भी कहते हैं कालबेलिया नाच में सांप जैसी मुद्राएं होती है आप उस मुद्रा को श्रीदेवी की मूवी में देख सकते हैं जिसमें वह नागिन बनी थी |
  • कालबेलिया जाति के रोशन नाथ जी अपनी जाति में बहुत मशहूर थे वह बहुत आसानी से खतरनाक और जहरीले सांपों को पकड़ लेते थे उनके पकड़ने का तरीका काफी अलग था सबसे पहले वह अपनी धड़कनों को शांत करते थे जिससे जब वह सांप को पकड़ने जाते थे तब वह उनकी ध्वनियों को महसूस कर पाता था जिससे उसे प्रतीत होता था कि इस शख्स से मुझे कोई खतरा नहीं है क्योंकि यह शांत है |
  • बीन, तुंबा, खंजरी और ढोल यह सभी सुखी लौकी से बनाए जाते हैं केवल ढोल के अलावा बाकी तीनों बाजे सुखी लौकी से बनाए जाते हैं |
  • सांप किसान मित्र (लेकिन केचुए को किसान का मित्र कहा जाता है) भी है क्योंकि सांप खेतों में फसलों को चूहों से बचाने में मदद भी करता है |
  • यदि किसी व्यक्ति को सांप काट ले और आप वहां पर खड़े हो तो सबसे पहले उस सांप का फोटो खींच ले और जब उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाया जाएगा तब आपको डॉक्टर को बताना है कि इस सांप ने इसको कांटा है तब वह डॉक्टर तुरंत पहचान जाएगा कि इसको किस प्रकार का एंटीडोट देना है |

पकाने के कई प्रकार होते हैं जैसे की –

  • भूनकर
  • उबालकर
  • तलकर
  • सेककर

Undhiyu (उंधियू)

  • सर्दियों में खेत में ही ताजी सब्जियों को मसालों के साथ एक मटके में भरकर और उसको सील बंद कर देते हैं |
  • कोयले के अंगारों में मटके को उल्टा रखकर सब्जी को पकाया जाता है और इस पक्की सब्जी को कहते हैं उंधियू
  • गुजराती भाषा में उंधियू का मतलब उल्टा होता है |
  • उंधियू के साथ मिट्टी के चूल्हे में पकी बाजरे की रोटियो  को खाया जाता है साथ में मक्खन दही और छाछ भी ली जाती है |

लिंग-हु-फेन ( Ling-hu fen)

  • लिंग-हु-फेन ( Ling-hu fan) सांप के मांस से बनाया जाने वाला एक पकवान है जिसे हांगकांग में खाया जाता है |

ब्रेल लिपि ( Braille Script )

  • लुइस ब्रेल फ्रांस के रहने वाले थे |
  • 3 साल की उम्र में वह अपने पिता के औजार से खेल रहे थे और खेलते हुए इनके साथ एक घटना घटी जिनसे इनकी आंखों की रोशनी चली गई |
  • लुइस ब्रेल पढ़ाई में बहुत रुचि रखते थे तो वह पढ़ने और लिखने के विभिन्न तरीके सोचने लगे थे और फिर उन्होंने एक तरीका निकाला जो बाद में लुइस स्क्रिप्ट के नाम से जाना गया |
  • एक मोटे कागज पर एक नुकीली चीज से 6 बिंदुओं को उभारा जाता है फिर उभरे हुए बिंदुओं पर उंगलियों के सहारे इन्हें स्पर्श करते हुए पढ़ा जाता है |
  • यह ब्रेल लिपि कहलाती है यह स्क्रिप्ट छह बिंदुओं पर आधारित होती है
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परिवार (family)

  • न्यूक्लियर फैमिली: एकल परिवार में मां बाप और उनके बच्चे होते हैं
  • जॉइंट फैमिली: जबकि संयुक्त परिवार में पूरा परिवार होता है जैसे की – दादा दादी चाचा बुआ मां बाप और बच्चे होते हैं या नाना-नानी मौसा मौसी मामा मामी मां बाप और बच्चे होते हैं

केंचुए (earthworms)

  • केंचुए जमीन में छेद बनाकर मिट्टी को मुलायम कर देते हैं जमीन को इन छेदो से हवा और पानी मिल जाता है और जमीन उपजाऊ हो जाती है |
  • केंचुए मृत पत्तियों और पौधों को खा जाते हैं और इनके मल से जमीन उपजाऊ बनती है |
  • केंचुए को किसानों का मित्र भी कहा जाता है क्योंकि वह किसान की मदद करते हैं खेत को उपजाऊ बनाते हैं जिससे किसान की आमदनी बढ़ जाती है |

चीटियां (Ants)

  • चीटियां मिलजुल कर रहती है और चीटियों का काम बटा हुआ रहता है रानी चींटी अंडे देती है और सिपाही चीटियां बिल का ध्यान रखती हैं |
  • काम करने वाली चीटियां भोजन ढूंढ कर बिल तक लाती हैं इस प्रकार सभी चीटियां अपना अपना काम करती हैं |
  • चीटियां चलते समय जमीन पर कुछ गंध छोड़ दी है जिसे सुनकर पीछे आने वाली चीटियों को रास्ता मिल जाता है |
  • अगर वह चींटी कहीं दूर निकल जाती है तो अपनी गंद की वजह से वापस अपने स्थान तक लौट जाती है |
  • दीमक और ततैये भी समूह में रहते हैं |

रेल टिकट में लिखी जानकारी

रेल टिकट में लिखी जानकारियां निम्नलिखित है –

  • ट्रेन का नंबर लिखा होता है |
  • ट्रेन का नाम लिखा होता है |
  • सफर शुरू होने की तारीख तथा समय लिखा होता है |
  • गंतव्य स्थान तक पहुंचने की तारीख़ तथा समय लिखा होता है |
  • टिकट प्रारंभ होने का स्थान लिखा होता है |
  • टिकट समाप्त होने का स्थान का नाम भी लिखा होता है |
  • बर्थ का नंबर भी लिखा होता है |
  • किराया लिखा होता है |
  • कुल दूरी लिखी होती है |
  • पीएनआर नंबर लिखा होता है |
  • श्रेणी लिखी होती है |

मच्छर

  • मच्छर हमारे शरीर की गंध खासकर पैरों के तलवे की और हमारे शरीर की गर्मी से हमें ढूंढ लेता है |
  • मच्छर पानी में अंडे देते हैं |
  • डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया बीमारी मच्छरों के द्वारा फैलती है |
  • रुके हुए पानी में या इकट्ठा हुए पानी में मलेरिया के मच्छर पैदा होते हैं इसलिए मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए पानी में मिट्टी का तेल यह दूसरा तेल डालना उचित रहता है इससे पानी का पृष्ठ तनाव कम हो जाता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है जिससे मच्छर का लारवा मर जाता है यानी कि मच्छर पैदा होने से पहले ही मर जाता है क्योंकि उसको ऑक्सीजन नहीं मिलती है |

मच्छरों से बचने के उपाय

  • घरों में डी.डी.टी का छिड़काव किया जाना चाहिए आसपास पानी को जमा ना होने दें |
  • पानी के बर्तन टंकी और कूलर को साफ रखें मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें जमा हुए पानी में मिट्टी का तेल डाल दें |
  • पानी में मछलियां डालने से मछलियां मच्छरों के अंडों को खा जाती हैं |
  • मक्खी से डायरिया हैजा टाइफाइड आदि बीमारियां फैलती है |
  • मक्खियां गंदे नाले और करो पर बैठती हैं और अपने पैरों में बीमारी के कीटाणु लगाकर बिना ढके खाने पर बैठ जाती हैं उस खाने को खाकर हम भी बीमार पड़ जाते हैं |
  • गंद का अच्छा या बुरा होना सभी के लिए एक जैसा नहीं होता है इस पर हमारी सोच का असर पड़ता है इस पर हमारी सोच का असर पड़ता है अक्सर हम किसी गंद से तब ज्यादा परेशान होते हैं जब हमारा मन उसको गंदा मानता है अगर हम मन बना ले तो वही गंद इतना परेशान नहीं करती है तब हमें ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा |

रेशम का कीड़ा रेशम का कीड़ा

  • रेशम का कीड़ा अपनी मादा को उसकी गंध से कई किलोमीटर की दूरी से ही पहचान लेता है |

चूहा

  • चूहों की देखने की क्षमता कम होती है लेकिन इनके सुने सुने और स्वाद लेने की क्षमता अधिक होती है |

इग्लू

  • इग्लू बर्फ के घर टुंड्रा प्रदेश में पाए जाते हैं यह घर एस्किमो प्रजाति द्वारा बनाए जाते हैं और इन घरों को ही इग्लू कहा जाता है |

असम

  • असम में घर जमीन से 10 या 12 फीट ऊपर होते हैं ऊचाई में बनाने की वजह भारी बारिश और आपदा होती है |
  • यह घर बांस से बनाए जाते हैं और अंदर भी लकड़ियों का प्रयोग होता है |
  • असम में बांस तथा रस्सी के पुल बनाए जाते हैं |
  • यहां बारिश बहुत अधिक होती है कभी-कभी घुटनों तक पानी भर जाता है |
  • असम में बांस को गरीबों का टिंबर कहा जाता है |

केरल

  • केरल में टैपिओका जमीन के नीचे उगाया जाता है यह एक प्रकार का फल है जिसे केरल के लोग उबालकर खाते हैं यह देखने में सफेद शकरकंदी जैसा दिखता है
  • वल्लम लकड़ी की बनी छोटी नाव होती है जो केरल में पाई जाती है
  • केरल में बोले जाने वाली भाषा मलयालम भाषा होती है
  • केरल में मलयालम भाषा बोली जाती है
  • मलयालम में मां की बड़ी बहन को बलियम्मा और नानी को अम्मूमा कहते हैं चाचा को  चिटटपन और चाची को कुंजम्मा कहते हैं और पिता को अप्पा कहते हैं
  • केरल में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए फेरी नाव का प्रयोग किया जाता है
  • केरल को मसालों का बगीचा भी कहा जाता है कथक कली नृत्य केरल में होता है
  • केरल में केले के फूलों से सब्जी बनाई जाती है केरल में नारियल के पेड़ अधिक मात्रा में होते हैं
  • केरल के निकटवर्ती राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक है इन की राजधानी तिरुवंतपुरम है
  • गुजरात से केरल तक की यात्रा के बीच में महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्य पढ़ते हैं कोझीकोड केरल में है
  • केरल कोझिकोड का दूसरा सबसे बड़ा जिला है मल्लापुरम जिला केरल में है

राजस्थान

  • राजस्थान में मिट्टी के घर बनाए जाते हैं
  • घरों की दीवारें बहुत मोटी होती हैं और इन्हें लीप पोत कर सुंदर बनाया जाता है और उनकी छत कटीली झाड़ियों से बनी होती हैं
  • राजस्थान में टैंक को टंका भी कहते हैं राजस्थान में अपने आंगन में जमीन में गड्ढा खोदकर टैंक का निर्माण करते हैं और अपनी छतों का ढाल बनाते हैं जिससे कि बारिश का सारा पानी इन टैंकों में जाकर गिरता है और बाद में इसे छानकर उपयोग में लिया जाता है
  • राजस्थान में बारिश बहुत कम होती है टेक लगाओ 1600 मीटर ऊंचा है जो राजस्थान के जालोर पतन या झलवार में है
  • राजस्थान के जोधपुर में खेजड़ी राजस्थान के जोधपुर में खेजड़ली गांव के लोग पेड़ों को काटने से बचाने के लिए 300 साल पहले पेड़ों से चिपक कर खड़े हो गए थे
  • आज 300 साल बाद के बाद भी यहां के लोग जो बिश्नोई कहलाते हैं वे पेड़ों और जानवरों के प्रति संवेदनशील है और इनकी रक्षा करते हैं
  • यहां शिकार करना और पेड़ों को काटना वर्जित है
  • रेगिस्तान में होते हुए भी यह गांव हरा भरा है यहां जानवर बिना किसी डर के इधर-उधर घूमते रहते हैं
  • खिचड़ी गांव में खेजड़ी पेड़ पाए जाते हैं यह पेड़ रेगिस्तानी इलाकों में खूब पाया जाता है
  • इससे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है इसकी छाल दवा बनाने के काम आती है
  • इसकी लकड़ी को कभी कीड़ा नहीं लगता इसकी फलियों से सब्जी बनती है पत्तियों को वहां रहने वाले जानवर खाते हैं इसकी लकड़ी से लोग अपनी चौखट भी बनाते हैं

श्रीनगर

  • श्रीनगर में कुछ घर पहाड़ों में कुछ पानी में कुछ मुझे पर्वतों पर और कुछ पत्थरों के बीच में होते हैं और इन पर लकड़ी के सुंदर डिजाइन बने होते हैं
  • हाउसबोट यह 80 फीट तक लंबी हो सकती है और 8 से 9 फीट तक चौड़ी हो सकती है
  • डोंगा यह नाव झेलम नदी में डल झील में मिलती है इसके अंदर कई कमरे होते हैं और अंदर से यह एक घर की तरह लगती है
  • इन पर लकड़ियों के सुंदर डिजाइन बनाए जाते हैं जो इसके छत पर डिजाइन होता है उसे खत्म बंद कहते हैं
  • कश्मीर के गांव में घर पत्थर से बने हैं और ढलान वाली छतें होती हैं कुछ पुराने घरों में विशेष प्रकार की खिड़कियां होती हैं जो दीवारों पर निकली होती हैं इन्हें टैब कहा जाता है इनमें सुंदर डिजाइन बना हुआ होता है
  • कुछ पुराने घर पत्थरों के बने हुए हैं और कुछ ईट और लकड़ी के भी हैं दरवाजे और खिड़कियों में सुंदर मेहराब है
  • शिकारा नाव पर्यटकों को आकर्षित करती है
  • कश्मीर में सरसों के तेल में मछलियों को पकाकर खाया जाता है
  • गोवा में नारियल के तेल में बनी मछली को पकाकर खाया जाता है
  • कहवा कश्मीर की एक खास किस्म की चाय है
  • उर्दू डोंगरी कश्मीर की भाषा है

मनाली

  • मनाली में बारिश अक्सर होती रहती है और वर्ग भी पड़ती है यहां का मौसम ठंडा और सुहाना होता है
  • यहां घर पत्थर और लकड़ी के बने होते हैं जिनकी छतरी डालू होती हैं

मृत सागर

  • आपने अक्सर देखा होगा किस सागर में लोग डूब जाते हैं लेकिन एक ऐसा सागर है जिसमें शरीर बिना किसी मूवमेंट के करता रहता है वैसे तो सभी सागरों में पानी में नमक होता है लेकिन मृत सागर दुनिया का सबसे नमकीन सागर है
  • इसमें इतना नमकीन पानी है कि आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर हम 1 लीटर पानी में 300 ग्राम नमक मिला दें उसी अनुपात का पानी इस मृत सागर में है
  • मृत सागर में हम ऐसे तैर सकते हैं जैसे आराम से लेट रहे हो | मृत सागर आपको जॉर्डन इजरायल और फलस्तीन के बीच मिल जाएगा

बाघ

  • बाघ अंधेरे में हम से 6 गुना बेहतर देख सकता है
  • बाघ कि मूछे हवा में हुए कंपन को भाप लेती हैं जिससे उसे स्वीकार की सही स्थिति का पता चल जाता है और इससे वह अंधेरे में रास्ता ढूंढ लेता है
  • बाघ अपने इलाके में मूत्र करके अपनी गंद छोड़ता है और दूसरी बार इस गंध को तुरंत पहचान लेते हैं
  • बाग मौके के अनुसार अपनी आवाज बदलता रहता है बाघ का गुर्राना 3 किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता है
  • बाघ के दोनों कान बाहर की आवाज पता करने के लिए अलग-अलग दिशाओं में बहुत ज्यादा घूम भी जाते हैं
  • बाघ हवा से पत्ते के हिलने और शिकार की झाड़ियों में हिलने से हुई आवाज के अंतर को तुरंत भाप लेता है उसे पता होता है कि यह आवाज प्राकृतिक है या किसी शिकार की है

लंगूर

  • लंगूर जंगल में ऊंचे पेड़ पर बैठकर अपने आसपास आती मुसीबतों को देखकर एक खास तरह की आवाज निकालता है और अपने साथियों को संदेश देता है जिससे उसके साथी चौकन्ना हो जाते हैं

रेगिस्तानी ओक

  • ऑस्ट्रेलिया में रेगिस्तानी ओक पेड़ पाया जाता है जिसकी ऊंचाई 11 से 12 फीट होती है और इसकी पत्तियां बहुत कम मात्रा में होती हैं
  • वह पेड़ की जड़ें जमीन के अंदर ढाई सौ से 300 सीट तक जाती हैं जब तक पानी तक ना पहुंच जाए यह पानी पेड़ के तने में जमा रहता है
  • जब कभी इस लायक में पानी नहीं होता या पानी की कमी हो जाती है तो वहां के लोग इसके तने के अंदर पतला सा पाइप डालकर पानी निकाल लेते हैं

सब्जियां

अधिकतर सब्जियां पौधों के फूल होती हैं और कुछ सब्जियां पौधों का फल भी होती हैं –

  • गुड आंवला और हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन मिलता है

विदेश से आने वाली सब्जियां –

  • हरी मिर्च टमाटर आलू साउथ अमेरिका से आया था
  • गोभी और मटर यूरोप से आई थी
  • कॉफी बींस और भिंडी अफ्रीका से आई थी
  • सोयाबीन चीन से आई थी

बीज

  • बीजों को प्राचीन समय में सुखी लौकी में रखकर उस पर मिट्टी का लेप लगाकर रखते थे और नीम की पत्तियां इन्हें कीड़ों से बचाती थी
  • पौधे स्वयं भी अपने बीजों को दूर फेंक देते हैं और कपड़ों में चिपक कर तथा पानी के जरिए भी यह एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाते हैं
  • पंछी अपनी चोंच में बीज को दबाकर ले जाते हैं जब मैं बीच कहीं गिर जाता है तब भी वहां पौधा उग जाता है |
  • सोयाबीन की फलियां पकड़कर अपने आप हट जाती हैं और उसमें से बीच बाहर निकल जाते हैं काली मिर्च सॉन्ग आधी बीज होते हैं
  • नाशपाती भिंडी करेला खीरा टमाटर चीकू आदि में बीज पाया जाता है
  • मिट्टी में गोबर मिलाने से मिट्टी में कीड़ा नहीं लगता है
  • कपड़े में बंधा हुआ बीज पानी में भिगोए गई बीच की तुलना में जल्दी से अंकुरित हो जाते हैं क्योंकि कपड़े में बीज सांस लेने में सक्षम होता है यदि बीज को कपड़े में बांध दिया जाए और उनमें से आधे अंकुरित हो जाए और आधे नहीं तो इसका कारण होता है निम्नलिखित है
  • बीज क्षतिग्रस्त बीच-बीच में से टूट गए थे
  • बीजों में कीड़े लग चुके थे कुछ पौधे बिना बीज के उठते हैं जैसे गुलाब गन्ना और केला आदि
  • माइक्रोस्कोप से बीजों को बारीकी से देखने पर पता चल जाता है कि बीजों में छोटे छोटे होते हैं इनकी मदद से बीच कपड़े में कपड़े के रेशों पर चिपक जाते हैं यह देखकर मास्टर को आइडिया आया वेल्क्रो बनाने का वेल्क्रो से दोनों से चिपक जाती है और खुलने पर चर्चा की आवाज होती है जैसा कि आपने अपने बसते कपड़े जूते पट्टे आदि में देखा होगा और इसका इस्तेमाल भी क्या होगा यह एक तरह की चिपकन है जो चिपक जाती है और छूट जाती है |
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पौधे का भाग जिसे हम खाते हैं

  • जड़ – मूली गाजर चुकंदर तना आलू प्याज अदरक
  • पत्ता – धनिया पत्ता गोभी अरबी पालक कढ़ी पत्ता आदि
  • बीज – चना बाजरा सरसों गेहूं धान फूल सहजन केला कचनार फली मटर

बिहार

  • बिहार में मधुबनी नामक जिला है यहां त्यौहार एवं खुशी के मौके पर घर की दीवारों पर और आंगन में कई प्रकार के चित्र बनाए जाते हैं
  • यह चित्र पिसे हुए चावल के घोल में रंग मिलाकर बनाए जाते हैं
  • इन रंगों को बनाने के लिए नील हल्दी फूल पेड़ों के रंग आदि का इस्तेमाल किया जाता है
  • चित्रों में जानवर इंसान फूल पेड़ पंछी मछलियां आदि
  • जीव जंतु साथ में बनाए जाते हैं मधुबनी चित्रकला बहुत पुरानी है और इसका नाम इसी जिले के नाम पर ही पड़ गया

मधुमक्खी पालन

  • बिहार के मुजफ्फरपुर का वह चाहा गांव इस इलाके में लीची के पेड़ बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं
  • नीचे के फूल मधुमक्खियों को बहुत लुभाते हैं इसलिए इस क्षेत्र के लोग मधुमक्खी पालन शहद बनाने का काम करते हैं
  • अक्टूबर से दिसंबर मधुमक्खी के अंडे देने का समय होता है और यही मधुमक्खी पालन शुरू करने का भी सही समय होता है
  • मधुमक्खी पालन को एपीकल्चर कहते हैं लीची के फूल फरवरी में खेलते हैं मधुमक्खी के छत्ते में एक रानी अवश्य होती है जो अंडे देती है छत्ते में कुछ नरम की भी होती हैं
  • छाती में बहुत सारे काम करने वाली मक्खियां भी होती हैं यह दिन भर काम करती है शहद के लिए फूलों का रस ढूंढती है
  • जब किसी मक्खी को रस मिल जाता है तो वह एक तरह का नाच करती है और दूसरी मक्खियों को पता चल जाता है कि रस कहां पर है यह एक तरीके का सिग्नल होता है
  • मधुमक्खी रस से शहद बनाती है छाता बनाने का काम भी इन्हीं का होता है और बच्चों को पालने का काम भी इन्हीं का होता है
  • मधुमक्खी पालन में बक्से का प्रयोग किया जाता है इसमें चीनी का मीठा गोल डाला जाता है जिसे मधुमक्खियां बड़े चाव से खाती है
  • मक्खी के लिए कुछ खास काम नहीं करते मधुमक्खी के डंक में अम्ल होता है लाल चींटी

उत्तराखंड

  • उत्तराखंड में पहाड़ों के बीच में एक ऐसी जगह भी है जहां फूल ही फूल होते हैं यह फूलों की घाटी कहलाई जाती है
  • कहीं झाड़ियों में लगे लालपुल नजर आते हैं तो कहीं पत्थरों के बीच सफेद फूल जाते हुए मिलते हैं
  • यहां अनेक प्रकार के फूल मिलते हैं पीले पीले फूलों के लंबे चौड़े कालीन बनाए जाते हैं
  • पीले पीले फूलों के लंबे चौड़े कालीन जैसे मैदान यहां देखने को मिलते हैं और कहीं-कहीं अचानक घास के बीच छोटे-छोटे तारे जैसे मिले फूल दिखाई देते हैं
  • इस घाटी में कितने प्रकार के फूल है जो फूल साल में कुछ हफ्तों के लिए खेलते हैं

जानवर

  • जानवरों की खाल पर जो डिजाइन होता है वह उनके बालों के रंग के कारण होता है
  • दिन में जागने वाले जानवर आमतौर पर कुछ रंग ही देख पाते हैं रात में जागने वाले जानवर हर चीज को सफेद और काली ही देख पाते हैं
  • बहुत से जानवर किसी खास मौसम में लंबी गहरी नींद में चले जाते हैं जैसे कि छिपकली कुछ जानवर तूफान या भूकंप आने के कुछ समय पहले अजीब हरकतें करने लगते हैं और जंगलों में रहने वाले लोग समझ जाते हैं कि कुछ तो बुरा होने वाला है कुछ जानवर तूफान या भूकंप आने के कुछ समय पहले अजीब हरकतें करने लगते हैं
  • जंगलों में रहने वाले लोग समझ जाते हैं कि कुछ तो बुरा होने वाला है जानवरों में भी देखने सुनने और महसूस करने की शक्ति होती है वैज्ञानिकों का मानना है कि कई जानवरों की अपनी पूरी भाषा है
  • जिन जानवरों के बाहरी कान में शरीर पर बाल होते हैं वह बच्चे देते हैं जिन जानवरों के बाहरी कान में शरीर पर बाल नहीं होते हैं वह अंडे देते हैं
  • स्तनधारियों की विशेषताओं में इनके शरीर पर बाल का पाया जाना और कान के मध्य भाग में तीन अस्थियों मेलियन इनकस और स्टेटस का पाया जाना प्रमुख है
  • यदि कुछ प्रजातियों को छोड़ दें तो लगभग सभी स्तनधारी वर्ग के जंतु बच्चे देते हैं तथा जिन जानवरों में यह नहीं पाया जाते वह अंडे देते हैं
  • जानवर 1 दिन में कितने घंटे सोते हैं गाय 4 घंटे सोती है अगर 18 घंटे सोता है 2 घंटे सोता है बिल्ली 12 घंटे सोती है

स्लोथ (sloth)

  • स्लोथ देखने में भालू की तरह होते हैं पर यह भालू से अलग होते हैं क्लॉथ दिन में करीब 17 घंटे पेड़ों से उल्टी लटक कर आराम से सोते हैं
  • स्लॉथ 40 वर्ष के अपने जीवन में सिर्फ 8 पेड़ों पर ही घूमते हैं यानी कि 8 बार ही अपना पेट बदलते हैं
  • स्लॉथ सप्ताह में एक बार ही सोच के लिए पेड़ से नीचे उतरते हैं जिस पेड़ में रहते हैं उसी के पत्ते खाकर अपना पेट भरते हैं
  • मगरमच्छ के छोटे-छोटे जैसे मगरमच्छ के छोटे-छोटे छेद जैसे कान होते हैं लेकिन आसानी से दिखाई नहीं देते हैं छिपकली के भी छोटे-छोटे जैसे कान होते हैं
  • मछलियां खतरों की चेतावनी एक दूसरे को बिजली तरंगों से देती है

पंछी

  • पंछी केवल अंडे देने के लिए घोंसला बनाते हैं जब अंडों से बच्चे निकल जाते हैं तो वह घोंसला छोड़ कर उड़ जाते हैं घोंसला छोड़कर अलग अलग जगह चले जाते हैं पेड़ों पर जमीन पर और पानी में भी रहते हैं
  • अधिकतर पंछियों की आंखें उनके सिर के दोनों तरफ होती हैं
  • पंछी एक समय में दो अलग-अलग चीजों को एक साथ देख लेते हैं
  • अगर उन पर नजर डाल लेते हैं यानी कि उन पर नजर डाल लेते हैं
  • जब अलग-अलग चीजों पर केंद्रित करते हैं तब उनका देखने का दायरा बढ़ जाता है और जब यह बिल्कुल सामने देखते हैं तो उनकी दोनों आंखें एक ही चीज पर होती है
  • ज्यादातर पंछियों की आंखों की पुतली घूम नहीं सकती वह अपनी गर्दन घुमा कर ही आसपास देखते हैं
  • पंछियों के पंख उन्हें उड़ने में मदद करते हैं और उन्हें गर्माहट भी देते हैं
  • उनके नए पंख आते रहते हैं और पुराने पंख झड़ते रहते हैं कुछ पंछी अलग-अलग खतरों के लिए अलग-अलग आवाज निकालते हैं जैसे उड़कर आने वाले दुश्मन के लिए एक तरह की आवाज और जमीन पर चलकर आने वाले दुश्मन के लिए दूसरी तरह की आवाज पंछियों के कान दिखते नहीं है
  • इनके सिर के दोनों तरफ छोटे-छोटे छेद होते हैं जो पंखों से या फिर से ढके रहते हैं पंछी इन्हीं की मदद से सुनते हैं

नेपेंथेस (Nepenthes)

  • नेपेंथेस नामक पौधा इंडोनेशिया ऑस्ट्रेलिया और भारत के मैच घालय में पाया जाता है
  • यह पौधा कीड़े मकोड़े और छोटे जानवरों का शिकार करता है यह पौधा लंबे घने जैसा दिखाई देता है जिसके ऊपर पत्तियों का ढक्कन लगा रहता है
  • यह पौधा लंबे गधे जैसा दिखता है उसके ऊपर पति का ढक्कन लगा होता है और इसमें से खुशबू निकलती है जिसकी वजह से कीड़े मकोड़े इसके अंदर फस जाते हैं ने 35 पौधे को घटपर्णी पौधा भी कहा जाता है

बरगद का पेड़

  • बरगद के पेड़ की लटकन उसकी जड़ होती है यह टहनियों से निकलती है और बढ़ते बढ़ते जमीन के अंदर चली जाती हैं
  • बरगद की जड़े मजबूत खंभों की तरह पेड़ों को सहारा देती हैं

जंगल

  • जंगल अधिकार कानून 2007 के अनुसार जो लोग 25 सालों से जंगलों में एक जगह रह रहे हैं तो यह कानून उन्हें अधिकार देता है कि वह इस जगह पर जो चाहे वह वह सकते हैं उन्हें हटाया नहीं जाएगा जंगल का संरक्षण वहां की ग्राम सभा करती है
  • खानों की खुदाई और बांधों का निर्माण करने से जंगल खत्म होते जा रहे हैं

घास

  • घास का पौधा जितना जमीन के ऊपर होता है उससे कहीं ज्यादा जमीन के अंदर फैला हुआ होता है घास की जड़े बहुत ही मजबूत होती हैं
  • इन्हें खुरपी से खोदकर निकाला जाता है अगर हम भी इन्हें हाथ से खींच आएंगे तो जड़ समेत बहुत ही मुश्किल से निकलते हैं
  • इनकी जड़ें पौधों को सहारा देती हैं और जल तथा खनिजों के अवशेष खनिजों को अवशोषित करती हैं जिस मैदान में एक टीम बीज बोए जाते हैं उन्हें 13 जमीन बोलते हैं
  • कुकुर झारखंड की एक आदिवासी जनजाति है
  • कूट भाषा में जंगल को तो रंग कहते हैं
  • भारत के उत्तरी पूर्वी क्षेत्रों में स्थानीय खेती करने का रिवाज है कुछ पौधे बिना बॉय खेतों में अपने आप को बचाते हैं जिन्हें खरपतवार कहते हैं इन्हें निकाल कर जरूरी
  • इन्हें निकालना जरूरी होता है नहीं तो यह सारा खाद और पानी ले लेंगे और फसल कम होगी यानी के फसलों का पोषण यह ले लेंगे

क्रोटोन पौधे

  • क्रोटोन पौधे जमीन के बारे में उनकी दिशा को बता देते हैं मतलब यह सिग्नल दे देते हैं प्रोटॉन पौधे की जड़ जमीन में बहुत ज्यादा गहरी नहीं होती है
  • जब मिट्टी सूखने लगती है तो इस पौधे की पत्तियां सूखने लगती हैं और झड़ने लगती हैं
  • जिससे मिट्टी का पता चल जाता है कि मिट्टी सूख रही है और यह एक प्रकार का सिग्नल होता है

मलेरिया

  • रोनाल्डो रोश ने सबसे पहले बताया था कि मलेरिया मच्छरों के कारण होता है और रोनाल्डो रोज भारतीय मूल के थे मलेरिया से बुखार में कपकपी होती है और ठंड लगती है
  • मलेरिया मादा मच्छर एनाफिलीज से फैलता है
  • मलेरिया को दूर करने की दवाई जिंदगी ना सिनकोना पेड़ की छाल से बनाई जाती है

एनीमिया

  • एनीमिया हिमोग्लोबिन या आयरन की कमी के कारण होता है
  • एनीमिया शरीर और मानसिक रूप से प्रभावित करता है
  • इससे बच्चे ठीक से पढ़ दे नहीं है और उनका एनर्जी लेवल लो हो जाता है जिससे पढ़ाई में ध्यान नहीं रहता है

चांगथांग

  • पश्चिमी और उत्तरी तिब्बत में एक ऊंचा पठार है और यह 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो कुछ हद तक भारत के लद्दाख क्षेत्र के दक्षिण पूर्व में भी फैला हुआ है
  • यहां चांपा नाम की प्रजाति है जिसकी आबादी कुल 5000 लोग हैं
  • यह हमेशा अपनी भेड़ बकरी के साथ घूमते रहते हैं चांद पर लोग अपने टेंट कोरेवो कहते हैं
  • यहां सर्दियों में 70 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से हवा चलती है चांपा की भाषा में चांगतांग का मतलब ऐसी जगह से है जहां कम लोग रहते हैं यहां एक भी पेट्रोल पंप उपलब्ध नहीं है
  • रेमो का मतलब है टेंट के पास एक जगह होती है जिसे यह लोग लेखा बोलते हैं जहां यह अपनी बकरी और भेड़ों को रखते हैं
  • लेखा की दीवारें पत्थरों की बनी होती है हर परिवार अपने जानवर पर एक विशेष प्रकार का चिन्ह अंकित करता है
  • औरतें और छोटी बच्चियां जानवरों को गिन कर चराने ले जाती हैं और फिर लौटते समय उन्हें दोबारा गिनती हैं
  • यह लोग अपनी बकरियों को ऊंचाई और ठंडी जगह पर चढ़ाने के लिए भी ले जाते हैं जिससे बकरियों के बाल घने और मुलायम हो जाते हैं
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विश्व प्रसिद्ध पशमीना शॉल

  • पश्मीना शॉल चांगवा लोगों द्वारा डाली गई बकरियों के बालों से बनाई जाती हैं जिन बकरियों के मुलायम पश्मीना ऊन मिलती है
  • वह बहुत ऊंचाई पर लगभग 5000 मीटर ऊपर रहती हैं ठंड में टेंपरेचर डिग्री सेल्सियस से माइनस -10 या – 40 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है
  • बकरी के शरीर पर गर्म बालों का कोट बन जाता है इसमें से कुछ बाल बकरियां गर्मियों में गिरा देती है जिनका प्रयोग पशमीना शॉल बनाने में होता है
  • इनका एक बार इतना पतला होता है कि इनके छह बाल हमारे एक बाल के बराबर होते हैं यह शॉल हाथ से बनाए जाते हैं और लगभग ढाई 100 घंटे की बुनाई के बाद एक प्लेन चल बनता है
  • एक पशमीना शॉल 6 स्वेटर जितना गर्म होता है

ग्रेगर मेंडल

  • ग्रेगर मेंडल का जन्म एक गरीब किसान परिवार में सन 1822 में हुआ था
  • इन्होंने 7 साल तक मठ में बगीचे में 28000 पौधों पर बारीकी से कई प्रयोग किए थे और ढेरों आंकड़े इकट्ठे किए थे
  • मटर के पौधे के कुछ गुण होते हैं जो जोड़ियों में आते हैं जैसे बीज या तो मुलायम होगा या खुद रहा होगा और इनके और इन से निकली अगली पीढ़ी के बीजों में भी 20 या तो मुलायम होंगे या फिर खुरदुरा बीच का रास्ता कुछ नहीं होता

कर्णम मल्लेश्वरी

  • कर्णम मल्लेश्वरी एक वेटलिफ्टर है और यह आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं
  • कर्णम मल्लेश्वरी 130 किलोग्राम तक का भार उठा लेती हैं
  • भारत के बाहर इन्होंने 29 मेडल जीते हैं

तरुण भारत संघ

  • तरुण भारत संघ भारत का गैर सरकारी संगठन है जो कि जल संरक्षण वह जल के अनुशासित उपयोग को लेकर लोगों को जागरूक और सतर्क करने का काम करता है
  • तरुण भारत संघ ने पिछले 25 वर्षों में देश भर में 10,000 से ज्यादा जोहड़ तालाब बनवाए हैं जिनसे लोगों को बहुत लाभ हुआ है

आबू धाबी

  • आबू धाबी देश रेगिस्तानी इलाके में है और यहां की स्थानीय भाषा अरबी है
  • यहां पानी बहुत कीमती है क्योंकि यहां ना तो वर्षा होती है और ना ही नदियां झील तथा तालाब है
  • यहां रेतीली जमीन के नीचे तिल होता है यहां खजूर के पेड़ अधिक मात्रा में दिखाई देते हैं क्योंकि यह पेड़ रेगिस्तानी इलाके में पाए जाते हैं
  • आबू धाबी की करेंसी दिरहम है
  • आबू धाबी में रेत के पहाड़ या रेत के टीले पाए जाते हैं

लद्दाख

  • लद्दाख पहुंचने के लिए जम्मू कश्मीर पार करना पड़ता है और लद्दाख को ठंडा रेगिस्तान भी कहा जाता है
  • यहां एक या दो फ्लोर की बिल्डिंग होती हैं घर पत्थर के बने होते हैं जिनकी छत और फर्श लकड़ी की होती है
  • दीवार मिट्टी की होती है और उस पर चुने की मोटी परत चढ़ी होती है
  • यहां कम बारिश होती है यहां पेड़ पौधे नहीं पाए जाते हैं
  • लकड़ियों की सीडी का प्रयोग होता है मोटे पेड़ का तना छत को मजबूत बनाने में मदद करता है इसलिए उससे अपनी छत बनाते हैं
  • ग्राउंड वाटर में जानवरों को ग्राउंड फ्लोर में जानवरों को रखा जाता है
  • जब ज्यादा सर्दी पड़ती है तो खुद भी ग्राउंड फ्लोर में रहने आ जाते हैं ग्राउंड फ्लोर में विंडो नहीं होती है गर्मी के मौसम में यह लोग फल सुखा लेते हैं और सर्दियों में इनका इस्तेमाल करते हैं
  • लद्दाख क्षेत्र भारत का सबसे ठंडा रेगिस्तान क्षेत्र है
  • भारत में ठंडे रेगिस्तान मानसून से प्रभावित नहीं होते हैं क्योंकि वह अधिक ऊंचाई पर होते हैं और हिमालय की वृष्टि छाया में पड़ते हैं
  • लाल मिर्च नारंगी कद्दू और सुनहरे पीले भुट्टे यहां पर मिलते हैं

आंध्र प्रदेश

  • नल्लामड़ा आंध्र प्रदेश में है
  • मुख्तार पुर गांव आंध्र प्रदेश के पोचमपल्ली जिले में स्थित है
  • आंध्र प्रदेश में लोगों का एक समूह एक विशेष कैंप लगाता है
  • इस कैंप के द्वारा कम उम्र की शादीशुदा लड़कियों को दोबारा स्कूल भेजने में मदद की जाती है
  • आंध्र प्रदेश की भाषा तेलुगु है
  • पोचमपल्ली जिला तमिलनाडु में है
  • इस जिले के अधिकतर लोग बुनकर हैं और इस बुनाई को पोचमपल्ली वह कलमकारी के नाम से भी जाना जाता है

मुंबई

  • मुंबई भारत का सबसे बड़ा शहर है दिल्ली से मुंबई जाने के लिए गुजरात राजस्थान को पार करते हुए महाराष्ट्र में आना पड़ता है
  • दिल्ली से मुंबई 1400 किलोमीटर दूर है
  • विक्टोरिया टर्मिनल विक्टोरिया टर्मिनस रेलवे स्टेशन मुंबई में है
  • पहली बार 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से थाने के बीच पहली रेलगाड़ी चलाई गई थी
  • नाक पांडा और अफसाना मंसूरी बास्केटबॉल टीम मुंबई में है
  • सोलापुर मुंबई में स्थित है बाजारगांव महाराष्ट्र में स्थित है कफ परेड मुंबई में है
  • बच्चों खान प्लेग्राउंड मुंबई में स्थित है जिसका नाम मुस्तफा खान को उसके नाम पर पड़ा था
  • सहजन के फूलों के पकौड़े महाराष्ट्र में खाए जाते हैं
  • वरली एक पारंपरिक कला है जिसका प्रचलन महाराष्ट्र में है
  • यह महाराष्ट्र गुजरात सीमा पर सर्वाधिक देखने को मिलता है

कर्नाटक

  • कर्नाटक की भाषा कन्नड़ है बेल बनी का गांव कर्नाटक में स्थित है
  • होलागुंडी गांव का नाटक में स्थित है और बच्चों की पंचायत बीमा संग होली गुंडी गांव में स्थित है

उत्तर प्रदेश

  • उत्तर प्रदेश का कन्नौज जिला स्तर के लिए बहुत मशहूर है
  • यहां के फूलों से इत्र गुलाब जल केवड़ा तैयार किया जाता है
  • उत्तर प्रदेश में कचनार के फूलों की सब्जी बहुत बनाई जाती है
  • कत्थक उत्तर प्रदेश का नृत्य है

मिजोरम

  • मिजोरम में में जो भाषा बोली जाती है
  • यहां तीन चौथाई लोग जंगल में रहते हैं
  • यहां की मुख्य फसल चावल है मिजोरम में खेती की लॉटरी निकाली जाती है जमीन को साझा मानकर सभी लोगों को बारी-बारी उस जमीन पर खेती करने का अवसर मिलता है
  • मिजोरम में बांस के बर्तन बनाए जाते हैं और झूम खेती मिजोरम में होती है

गोलकुंडा फोर्ट

  • गोलकुंडा फोर्ट हैदराबाद में स्थित है
  • दीवार का भाग एक गोलाकार शेप में है जिससे बेसन सिया बोर्ड कहते हैं
  • गोलकुंडा की बाहरी दीवारों पर ऐसे 87 बुर्ज बने हैं कुतुब शाही सुल्तानों ने गोलकुंडा में 1518 से 1687 तक शासन किया था
  • इससे पहले 12 सो इजी में गोलकुंडा किला मिट्टी का बना हुआ था ऊंची और गोल दीवारें दूर तक देखने में मदद करती हैं जिससे आक्रमण का पता चल जाता है
  • औरंगजेब यहां आक्रमण करने आया था पर असफल रहा और लगभग 8 महीने तक कि लेकर बाहर अपनी सेना के साथ रहा किले के चारों तरफ खाई थी जिस वजह से आक्रमण नहीं कर पाया
  • वह समय कांसे की बंदूकें बनती थी
  • हजारों सालों से घुमंतू वर्क काशी कांस्य से चीजें बनाते आ रहे हैं
  • काम से कांस्य तांबे और टीम की मिश्र धातु है
  • सुल्तान अबू हसन संगीत और कुचीपुड़ी डांस का शौकीन था

पेट्रोलियम

  • पेट्रोलियम प्राकृतिक रूप से बनता है पर इससे बनने की गति बहुत ही धीमी होती है
  • इसके बनने में लाखों करोड़ों साल लग जाते हैं
  • जमीन से निकलने वाला कच्चा तेल गहरे रंग का गाढा तरल पदार्थ के रूप में होता है जिसमें गंध होती है इसे रिफाइंड क्या जाता है
  • डिफाइन होने के बाद इससे मिट्टी का तेल डीजल पेट्रोल और वायुयान में प्रयोग होने वाला ऑयल एलपीजी सिलेंडर वाला गैस मॉम कोलतार गिरी शादी बनता है

घड़सीसर

  • सर का मतलब यहां पर तालाब है इसे जैसलमेर के राजा घड़सी जी ने लोगों के साथ मिलकर बनवाया था
  • इसके दोनों तरफ पक्के घाट सजे हुए बरामदे कमरे बड़े हॉल आदि मौजूद थे
  • मिलो तक फैले इस गणेश जी सर में बारिश का पानी इकट्ठा होता था
  • तालाब इस तरह बनाया गया था कि जब वह पानी से भर जाता तब बाकी पानी भर के नीचे बनते हुए बने हुए तालाब में चला जाता था
  • जब वह भी पूरा भर जाता तो पानी तीसरे ताला में चला जाता इस तरह के 9 तालाब दे एक दूसरे से आपस में जुड़े थे पूरे 9 साल पानी की कोई परेशानी नहीं होती थी
  • पूरे साल पानी की कोई परेशानी नहीं होती थी पर आज घडसीसर जैसे उजड़ सा गया है
  • 9 तालाबों के रास्ते में मकान और कालोनियां बन गई है यहां इकट्ठा होने वाली पानी अब तालाब की तरफ ना जाकर बेकार बह जाता है
  • कुआ बावड़ी सीढ़ीदार कुए या बावड़ी जल भंडारण तथा संरक्षण की पारंपरिक व्यवस्था के साथ जल स्रोत के रूप में भी उपयोग होते हैं

दांडी यात्रा

  • सन 1930 में अंग्रेजों ने भारत के आम लोगों को नमक बनाने पर पाबंदी लगा दी थी जिस कारण गांधी जी ने दांडी यात्रा शुरू की थी
  • गांधी जी का कहना था कि जो चीज हमें कुदरत ने दी है उसे बनाने पर बंदिश कैसी

मिड डे मील

  • मध्याह्न भोजन स्कीम देश के 2408 ब्लॉकों में एक केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के रूप में 15 अगस्त 1995 को आरंभ की गई थी
  • वर्ष 1997 से लेकर 1998 तक यह कार्यक्रम देश के सभी इलाकों में आरंभ कर दिया गया था
  • वर्ष 2003 में इसका विस्तार शिक्षा गारंटी केंद्रों और वैकल्पिक वह नवाचारी शिक्षा केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों तक कर दिया गया था

सुनीता विलियम्स

  • सुनीता विलियम्स 360 किलोमीटर दूर स्पेस में गई थी सुनीता विलियम्स ने 6 महीने से ज्यादा अंतरिक्ष में समय बिताया था और वह सबसे लंबे समय तक एक्सप्रेस में रहने वाली पहली महिला थी
  • सुनीता विलियम्स के अनुभव स्पेसशिप में वहां तक जगह बैठ नहीं पाते थे और एक जगह से दूसरी जगह तैर कर करते रहते थे
  • पानी भी नहीं रुकता था स्पेसशिप में और बुलबुले बनके फ्लोट करते रहते थे पानी को हवा में ही पीना पड़ता था
  • चेहरा या हाथ धोने के लिए पानी के बबल को पकड़ना पड़ता था और कागज गिला करना पड़ता था
  • वहां कंघी करने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि बाल हमेशा खड़े रहते थे स्पेस में टहल नहीं सकते थे और फ्लोट करने की आदत हो गई थी
  • एक जगह पर रुकने के लिए खुद को बांधना पड़ता था नील आर्मस्ट्रांग चांद पर उतरने वाले प्रथम व्यक्ति थे वह चांद पर 1969 में गए थे
  • भारत अर्जेंटीना के विपरीत देशांतर पर हैं इसलिए भारत के लोग अर्जेंटीना के लोग के सापेक्ष उल्टे हैं

चमकता सितारा

  • सूर्यमणि एक चमकता सितारा मतलब गर्ल स्टार हैं
  • चमकते सितारे उन साधारण लड़कियों की असाधारण कहानियां है जिन्होंने स्कूल जाकर अपनी जिंदगी बदल दी थी
  • सूर्यमणि चाहती थी कि लोग त्योहारों पर अपने गीत गानों को गाय उन्हें भूले नहीं और अपने पहनावे को गर्व से पहले
  • सबसे पहले अपनी संस्कृति पर शर्म आए नहीं जड़ी बूटियों की समझ और बांस की चीजें बनाने की कला बच्चे भी सीखें अपनी स्कूल की भाषा तो सीखे ही साथ में अपनी कड़क भाषा का रिश्ता भी
  • उससे जुड़े यह सब दौरान केंद्र में होता है तो रंग में कुकुर समाज और अन्य आदिवासियों की खास किताबों को संभाल कर रखा गया है
  • गाने बजाने की कई चीजें जैसे की बांसुरी तरह-तरह के ढोल भी हैं सूर्यमणि 21 साल की थी जब उनसे वासवी दीदी और कई लोगों की मदद से एक केंद्र खोला था
  • उसने इस जगह का नाम तो रंग को पढ़ भाषा में तोरा का मतलब जंगल होता है
  • तो रंग रखा था कुकुडू भारत नेपाल भूटान तथा बांग्लादेश में बोली जाती है भारत में यह बिहार मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के उरांव जनजातियों द्वारा बोली जाती है
  • उसको उरांव भाषा भी कहते हैं

बछेंद्री पाल

  • चंद्रपाल भारत की पहली और विश्व की पांचवीं महिला थी जिन्होंने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ाई की थी
  • बिछड़ी पाल बचपन में एक पिकनिक में गई थी
  • जहां वे 4000 मीटर की ऊंची चोटी पर चढ़ गई थी तब यह कुल 12 वर्ष की थी
  • यह उत्तराखंड के गढ़वाल एरिया में नाकुरा गांव में बड़ी हुई थी
  • इन्होंने नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग से अपनी ट्रेनिंग ली थी
  • इनके गाइडर ब्रिगेडियर ज्ञान सिंह थे 1984 में माउंट एवरेस्ट में जाने के लिए टीम मेंबर बनी थी
  • 23 मई को दोपहर के 1:00 बज के 7:00 पर अपना पहला कदम 1848 मीटर ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर रखा था इनके साथ एक और मेंबर भी गई थी
  • यह एक साथ कदम नहीं रख पाए क्योंकि वहां जगह नहीं थी
  • तो पहले उन्होंने अपना कदम रखा उसके बाद अपना शेर झुकाया झंडा फहराया और तस्वीरें माउंट एवरेस्ट को नेपाल में सागर माथा भी कहते हैं

अलबरूनी

  • 1000 से भी ज्यादा साल पहले एक यात्री भारत आए थे
  • उनका नाम था अलबरूनी
  • अलबरूनी जिस देश से आए थे उनका नाम था उस उज्बेकिस्तान
  • अलबरूनी ने बहुत ही बारीकी से चीजों और जगहों को देखा था और उनके बारे में लिखा था
  • खासतौर से वह जो उन्हें अपने देश से अलग लगी थी अलबरूनी उस समय के तालाबों के बारे में लिखते हैं कि यहां के लोग ताला बनाने में तो माहिर है
  • अगर हमारे देश के लोग इन्हें देखेंगे तो बहुत हैरान ही रह जाएंगे बहुत बड़े बड़े भारी पत्थरों को लोहे के गुंडों और सरियों से जोड़कर तालाब के चारों तरफ चबूतरे बनाए जाते हैं
  • इन चबूतरो के बीच में ऊपर से नीचे जाती हुई सीढ़ियों की लंबी कतारें होती हैं
  • लोगों के चढ़ने उतरने के रास्ते अलग-अलग होते हैं यहां कभी भीड़ लगने से परेशानी नहीं होती है
  • आज इतिहास पढ़ने वाले लोगों को अलबरूनी की किताबों से उस जमाने के बारे में बहुत कुछ पता चलता है

झूम खेती

  • झूम खेती का तरीका बिल्कुल अलग होता है एक फसल काटने के बाद जमीन पर इस फसल को कुछ साल तक ऐसे ही छोड़ देते हैं
  • जिसमें उसमें खेती नहीं करते हैं उस जगह जो बांस या जंगल उग जाते हैं
  • उन्हें उखाड़ दे नहीं है बस गिरा कर जला देते हैं और यह राज जमीन में खाद का काम करती है
  • जमीन को जलाते हुए आसपास के पेड़ ना जल जाए जंगलों को नुकसान ना पहुंचे इसका भी ध्यान रखा रखना पड़ता है
  • फिर जब इस जमीन में खेती की बारी आती है तो जमीन को जूता नहीं जाता मिट्टी को हल्के से हिला कर बीच सड़क देते हैं
  • एक ही खेत में अलग-अलग तरह के बीच जैसे मकई सब्जियां मिर्च और चावल आदि बोए जाते हैं
  • फसल के समय भी अनचाही घास और पेड़ों को पौधों को उखाड़ दे नहीं है उन्हें गिरा देते हैं ताकि वह जमीन की मिट्टी में मिल जाए इससे भी जमीन उपजाऊ बनती है
  • स्थानांतरित स्थानांतरित खेती या झूम खेती उत्तर पूर्व पर्वतीय तथा आदिवासी क्षेत्रों में की जाती है इसे जनजाति कृषि भी कहा जाता है

प्रकाश संश्लेषण

  • पत्तियां पादप की खाद्य फैक्ट्रियां होती है
  • जल एवं खनिज वाहिकाओं द्वारा पत्तियों तक पहुंचाए जाते हैं
  • यह वह वाहिकाएं (वेसल्स) नाली के समान होती हैं तथा जड़ तना शाखाओं एवं पत्तियों तक फैली होती हैं
  • पत्तियां पादप की खाद्य फैक्ट्रियां हैं पत्तियों में एक हरा वर्णक पिगमेंट होता है जिसे क्लोरोफिल कहते हैं
  • क्लोरोफिल सूर्य के प्रकाश यानी सौर प्रकाश की ऊर्जा का संग्रहण करने में पत्ती की सहायता करता है
  • इस ऊर्जा का उपयोग जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड में खाद्य संश्लेषण में होता है कि कि खाद्य संश्लेषण सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होता है इसलिए इसे प्रकाश संश्लेषण कहते हैं
  • पतियों द्वारा और उर्जा संग्रहित की जाती है पतियों द्वारा सौर ऊर्जा संगीत की जाती है तथा पादप में खाद्य के रूप में संचित हो जाती है

फल और सब्जियां

जल्दी खराब होने वाले फल और सब्जियों के नाम निम्नलिखित हैं

  • पालक
  • केला
  • फूलगोभी
  • टमाटर
  • खीरा
  • अंगूर
  • बैंगन आदि

जल्दी खराब हो जाते हैं कुछ दिनों तक रखे जाने वाले फल सब्जी के नाम निम्नलिखित हैं जो देर से खराब होते हैं

  • लौकी
  • आलू
  • प्याज
  • नाशपाती
  • चीकू
  • अदरक
  • अनानास आदि
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महत्वपूर्ण दिवस

  • वन्य जीव संरक्षण दिवस 3 मार्च को मनाया जाता है
  • विश्व वानिकी दिवस 21 मार्च को मनाया जाता है
  • विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है
  • विश्व आद्र दिवस 2 फरवरी को मनाया जाता है
  • विश्व मौसम विज्ञान दिवस 23 मार्च को मनाया जाता है
  • पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को मनाया जाता है
  • विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 14 से 15 मई के बीच मनाया जाता है
  • जैव विविधता दिवस 22 मई को मनाया जाता है
  • विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है
  • विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है सितंबर को 16 सितंबर को मनाया जाता है
  • जाता है विश्व पशु कल्याण दिवस 4 अक्टूबर को मनाया जाता है
  • विश्व वन्य प्राणी सप्ताह अक्टूबर का पहला सप्ताह को मनाया जाता है
  • विश्व वन्य प्राणी दिवस 6 अक्टूबर को मनाया जाता है

नृत्य

  • घूमर नृत्य राजस्थान में प्रसिद्ध है
  • भांगड़ा नृत्य पंजाब में प्रसिद्ध है
  • लावणी नृत्य महाराष्ट्र में प्रसिद्ध है
  • सॉन्ग नृत्य नागालैंड में प्रसिद्ध है
  • उड़ीसा नृत्य उड़ीसा में प्रसिद्ध है
  • बिहू नृत्य असम में प्रसिद्ध है
  • मुखौटा नृत्य अरुणाचल प्रदेश में प्रसिद्ध है
  • कथकली केरल में प्रसिद्ध है
  • छऊ झारखंड में प्रसिद्ध है
  • गढ़वाली नृत्य उत्तराखंड में प्रसिद्ध है
  • कुचीपुड़ी आंध्र प्रदेश तमिलनाडु का रासलीला
  • रासलीला नृत्य उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध है
  • कथक नृत्य उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध है
  • यक्ष ज्ञान नृत्य कर्नाटक में प्रसिद्ध है
  • गरबा नृत्य गुजरात में प्रसिद्ध है

डॉक्टर ब्यूमोंट

  • माउंट ने मार्टिन के खिलाडी वाले पेट के सहारे पाचन के कई रहस्य खोले थे
  • डॉक्यूमेंट की तालिका कुछ इस प्रकार है इसमें बताया गया है कि खाने की चीजें को पचने में कितना समय लगता है
  • अगर हम उस खाने को गिलास में रख दें तब कितना समय लगेगा और अगर वह पेट में जाए तो तब कितना समय लगेगा

डॉक्टर ब्यूमोंट TABLE

खाने की चीज़े पाचन समय पेट में गिलास के

पाचन में लगा समय 

कच्चा दूध 2 घंटे 15 मिनट 4 घंटे 45 मिनट
उबला दूध 2 घंटे 4 घंटे 15 मिनट
पूरी तरह उबला दूध 3 घंटे 30 मिनट 8 घंटे
कम उबला दूध 3 घंटे 6 घंटे 30 मिनट
फेंटा हुआ कच्चा अंडा 2 घंटे 4 घंटे 15 मिनट
कच्चा अंडा 1 घंटे 30 मिनट 4 घंटे

 

  • डॉक्टर ब्यूमोंट ने देखा कि जल्दी पचाने के लिए हमारे पेट खाने को खूब घुमाता हिलाता है
  • वे यह भी देख पाए जब मार्टिन दुखी था या परेशान होता था तो उसका खाना ठीक से नहीं पचता था
  • यही नहीं उन्होंने बताया कि हमारे पेट का पाचक रस एसिड की तरह होता है

पानी के बिल में दी गई जानकारियां निम्नलिखित हैं

  • पानी की बिल में उसका विभाग जैसे कि जल विभाग यह लिखा होता है |
  • राज्य सरकार का नाम लिखा होता है |
  • बिल किसके नाम से है | वह लिखा होता है
  • कितने महीनों का बिल है वह लिखा होता है
  • बिल किस तारीख तक का है |
  • कितने पैसे भरने पड़ेंगे यह भी लिखा होता है |
  • किसी पानी से भरे हुए बर्तन में नमक की उचित मात्रा डालने पर अगर उसमें नींबू डाला जाए तो नींबू तैरने लगता है |

बगुला पक्षी

  • बगुला भैंस पर बैठकर उसके कीड़ों को खाता है |
  • भैंस को कीड़े से छुटकारा मिल जाता है और बगुले को भोजन मिल जाता है जिससे दोनों का काम हो जाता है इसलिए बहस बगले को नहीं उड़ाती है |
  • महत्वपूर्ण बिंदु – कान सुनने में मदद करते हैं पक्षी से पतले मकबरे मगरमच्छ के भी कान होते हैं लेकिन दिखाई नहीं पड़ते हैं इनके छेद जैसे कान होते हैं |
  • अंडे देने वाले जीव अंडे कहलाते हैं जैसे मछली मेंढक सरीसृप और पक्षी इन जीवो के कान दिखाई नहीं पड़ते हैं |
  • वह कि शरीर पर बाल नहीं होते हैं उनके शरीर में बाल नहीं होते हैं बच्चे देने वाले जीव जरा यूज कहलाते हैं जैसे स्तनधारी उनके कान दिखाई पड़ते हैं तथा शरीर पर बाल होते हैं |

परागकण

  • पंखुड़ियों के अंदर फूल के बीच में कुछ पतली पाउडर जैसी रचनाएं दिखाई देती हैं |
  • जिन्हें परा कहते हैं परागकण पाउडर जैसे होते हैं |
  • परागकण प्रक्रिया वो होती है जिसके द्वारा पौधे प्रजनन करते हैं |
  • बीजों का प्रकीर्णन बीजों का प्रकीर्णन हवा जलवे बीज द्वारा होता है |

थ्रेसर

  • दाने को बाली से अलग करने के लिए थ्रेसर का प्रयोग किया जाता है |

निस्वान

  • दाने को भूरे से अलग करने की प्रक्रिया को निश्चयवाद कहते हैं |

आर्टिकल पढ़ने के लिए धन्यवाद, यदि आपको इस आर्टिकल में कोई मिस्टेक मिलती है तो कृपया कर कमेंट करे हम उसे कमी को जल्द ही दूर कर देंगे |

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Read also: NCF 2005 In Hindi Notes Pdf Free Download (NCF हिंदी नोट्स)

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10 thoughts on “(Complete Notes) CTET Evs Ncert Notes In Hindi Pdf Download”

  1. Pllzz iski pdf link bhi dete mujhe itna Sara sb likhna n pdta sirf reading krti or full EVs complete hojta ….iski pdf q nhi h😔😔😔

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